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एक युवती के उकसाने पर की थी जघन्य हत्या, फिर एक नंबर ने खोल दी पूरी पोल, पढ़िए दिल को हिला देने वाली स्टोरी, देखें वीडियो

Highlights सुभारती यूनिवर्सिटी केे कार्यालय अधीक्षक की सरेआम ईंट से पीट-पीटकर हत्या आठ आरोपी युवकों में से पांच गिरफ्तार, मुख्य आरोपी समेत तीन फरार कड़ी पूछताछ में निकली पूरी कहानी, पांच को पुलिस ने जेल भेजा  

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मेरठ। शनिवार की शाम को बाइक पर घर लौटते समय सुभारती यूनिवर्सिटी के कार्यालय अधीक्षक 45 वर्षीय संजय गौतम की सरेराह ईंटों से पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। पहले हमलावर तमंचे से गोली मारना चाहते थे, लेकिन फायर मिस होने के बाद उन्होंने कार्यालय अधीक्षक को डिवाइडर पर लिटाकर ईंटों से तब तक प्रहार किया, जब तक कि उनकी जान नहीं निकल गई। हमलावर तीन बाइकों से आए थे और उन्होंने हत्या करने के बाद फोन करके कहा था- बदला ले लिया। भीड़भाड़ वाले इलाके में काफी देर तक कार्यालय अधीक्षक का शव मौके पर पड़ा रहा। हमलावरों का विरोध वहां मौजूद लोगों ने नहीं किया था। इस हत्या से सुभारती यूनिवर्सिटी से लेकर मृतक के घर तक कोहराम मच गया था। पुलिस के लिए तब यह ब्लाइंड केस था, लेकिन जब इस हत्याकांड से जुड़े तार खुले तो दिल को हिला देने वाली कहानी सामने आयी।

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विनीत और सागर आते थे यूनिवर्सिटी

परतापुर के गांव पूठा निवासी विनीत और जानी क्षेत्र के गांव टिमकिया निवासी सागर उर्फ राजपाल का सुभारती यूनिवर्सिटी में आना-जाना था। दोनों ही कार्यालय अधीक्षक संजय गौतम को जानते थे। करीब एक सप्ताह पहले यूनिवर्सिटी में एक छात्रा के सामने संजय गौतम ने फटकार लगाते हुए कहा था कि यह कैंपस है और यहां बाहरी लोगों का घूमना मना है। इस पर दोनों ने अपनी बेइज्जती महसूस की। विनीत ने यह बात अपनी प्रेमिका को बताई थी। इस पर प्रेमिका ने अपनी बेइज्जती का बदला लेने की बात विनीत से कही थी। इसके बाद विनीत ने अपनी प्रेमिका के सहारे पहले विशाल और फिर अन्य दोस्तों को जोड़ा था। सभी दोस्तों को प्रेमिका ने उकसाया था और बदला लेने को कहा। हत्या वाले दिन शनिवार की शाम को चार बजे सुभारती यूनिवर्सिटी के सामने पहुंचे और व्हाट्सऐप काल के जरिए एक-दूसरे को बुलाया और एकत्र हो गए।

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यूनिवर्सिटी से ही पीछे लग गए

तीन बाइकों पर सवार आठ युवकों ने कार्यालय अधीक्षक संजय गौतम के यूनिवर्सिटी से घर जाने का इंतजार किया। करीब पांच बजे वह घर के लिए निकले तो ये आठ युवक उनके पीछे लग गए। सुभारती यूनिवर्सिटी दिल्ली-देहरादून बाईपास पर स्थित है। वहां से बागपत रोड से होते हुए संजय गौतम बाइक से अपने घर के लिए चले। बागपत रोड पर सीमेंट गोदाम के पास पहले तीन लोगों ने पीछे से टक्कर मारकर संजय को बाइक से नीचे गिरा दिया। फिर तमंचा निकाल लिया, लेकिन इससे गोली नहीं चली। यह रोड चलती रोड है, वहां मौजूद और गुजरने वाले यह सब देख रहे थे, लेकिन कोई भी मदद को आगे नहीं आया। इतने में ही पीछे से दो अन्य बाइकों पर हमलावरों के साथी आ गए। आठों हमलावरों ने छूटकर भाग रहे संजय गौतम को पकड़ लिया और डिवाइडर पर लिटा दिया। डिवाइडर से ईंटें निकालकर संजय पर तब तक प्रहार करते रहे, जब तक कि उनकी जान नहीं निकल गई। मौके से ही हमलावरों ने किसी को फोन किया था और कहा था कि बदला ले लिया। हत्या करने के बाद पुलिस को पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उस दिन अपने-अपने घर नहीं गए, बल्कि दोस्तों के घर जाकर सो गए थे।

ऐसे पकड़े गए आरोपी हत्यारे

शव मौके पर काफी देर तक पड़ा रहा था। पुलिस मौके पर पहुंची और तफ्तीश शुरू कर दी। सुभारती यूनिवर्सिटी के गेट पर सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। टीपीनगर थाने के एसओ दिनेश चंद ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज का बारीकी से निरीक्षण किया गया। इसमें हमलावरों की एक बाइक का नंबर मिला था। इसकी जांच की गई तो एक-एक हमलावर का पता चलता गया। पुलिस अभी तक पांच हत्यारोपियों गोलू उर्फ विशाल दहिया, हर्ष उर्फ रोहित प्रधान, रोहित उर्फ आदित्य, आकाश और अभिषेक को हिरासत में लिया और कड़ी पूछताछ की। कड़ी पूछताछ में पांचों ने पूरी स्टोरी पुलिस को बताई। पुलिस ने पांचों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है। अभी मुख्य आरोपी विनीत, सागर और लक्की फरार चल रहे हैं। एसएसपी अजय साहनी ने टीपी नगर पुलिस को केस खोलने के लिए पुरस्कृत किया है।
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