
मेरठ। वेस्ट यूपी में चल रह हाईकोर्ट बैंच की मांग को लेकर पश्चिम उप्र हाईकोर्ट बैंच एसोसिएशन के पदाधिकारी केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद से दिल्ली उनके कार्यालय में मिले। केंद्रीय कानून मंत्री से मिलने वाले पदाधिकारियों में मेरठ बार एसोसिएशन के महामंत्री प्रबोध कुमार शर्मा और एडवोकेट संजय शर्मा के अलावा गाजियाबाद बार के प्रेसीडेंट राकेश त्यागी और उपाध्यक्ष परविंद्र नागर, वरिष्ठ अधिवक्ता सत्यकेतु सिंह थे। कानून मंत्री से मिलवाने में गाजियाबाद के सांसद जनरल वीके सिंह की महत्वपूर्ण भूमिका रही। प्रबोध कुमार शर्मा ने बताया कि केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि केंद्र सरकार पश्चिम उप्र में हाईकोर्ट बैंच की स्थापना के लिए गंभीर है। सरकार बैंच की स्थापना पर गंभीरता से विचार कर ही है। इतना ही नहीं सरकार पूरी तरह से बैंच की स्थापना के लिए मन बना चुकी है, लेकिन बैंच कहां दी जाए इस पर सहमति होना बाकी है।
22 जिलों में कहीं भी बने बैंच
इस पर पश्चिम उप्र हाईकोर्ट बेंच के सचिव प्रबोध कुमार शर्मा ने कहा कि हाईकोर्ट बेंच पश्चिम उप्र से संबंधित 22 जिलों में से किसी में भी दे दी जाए। इसके लिए वे सभी तैयार हैं। जनरल वीके सिंह ने भी इसका समर्थन करते हुए कहा कि पश्चिम में हाईकोर्ट बैंच अब बहुत जरूरी हो गई है। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आश्वासन दिया कि वह प्रतिनिधियों की मांग को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सामने रखेंगे और पुरजोर प्रयास करेंगे कि हाईकोर्ट बैंच जल्द से जल्द वेस्ट यूपी को दी जाए।
क्यों हैं जरूरी हाईकोर्ट बैंच
वेस्ट यूपी में हाईकोर्ट बैंच की मांग को लेकर 22 जिलों के अधिवक्ता करीब 25 साल से आंदोलनरत हैं। अधिवक्ताओं की मांग है कि जिस तरह से लखनऊ में हाईकोर्ट बैंच सरकार द्वारा दी गई है। उसी तरह से वेस्ट यूपी के किसी भी जिले में बैंच दी जाए। वेस्ट यूपी से हाईकोर्ट इलाहाबाद जाने और आने में पूरे तीन दिन का समय लगता है। जिससे अन्य काम प्रभावित होते हैं। इसके अलावा हाईकोर्ट इलाहाबाद में सर्वाधिक मुकदमें वेस्ट यूपी के लंबित है।
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Published on:
31 Mar 2018 12:23 am
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