
मेरठ। इस समय पूरे प्रदेश में आयोध्या मामले को लेकर अलर्ट जारी किया हुआ है। सभी धर्मों के लोगों के साथ बैठकें की जा रही है, लेकिन इसी सब के बीच मेरठ में देर रात हुई एक घटना के बाद हिन्दू युवकों ने ऐसी मिसाल पेश की, जिसकी तारीफ चारों ओर हो रही है। युवकों ने पेड़ के मलबे के नीचे दबे रफीक मियां को बचाया।
देर रात थाना लालकुर्ती क्षेत्र के बाउंड्री रोड पर नारी निकेतन के पास लगे सौ साल पुराने पेड़ का जमीन ने साथ छोड़ दिया। पेड़ बीच सड़क पर गिर गया, जिस वक्त पेड़ नीचे गिरा उसके नीचे रफीक मियां सोए हुए थे। उनकी चाय की दुकान है और वह चाय की दुकान के बाहर ही चारपाई बिछाए हुए थे। पेड़ के नीचे दबे रफीक मियां को बचाने के लिए आसपास के लोग दौड़ पड़े। नीचे रफीक मिया पेड़ के मलबे में दबे थे और ऊपर मलबे को मोहल्ले के ही दीनू, राकेश सहित कई हिन्दू लोग उनको बचाने के जी-जान एक कर रहे थे। जरा-जरा सी बात पर संप्रदायिक बवाल से जूझने वाले मेरठ में यह सौहार्द जिसने भी रात में देखा वह दंग रह गया। सभी की अथक मेहनत से रफीक मियां की ज जान बच गई।
बता दें कि इस पेड़ के जर्जर होने और किसी भी समय गिरने की शिकायत कैंट बोर्ड से की जा चुकी थी, लेकिन उसके बाद भी कैंट बोर्ड ने इसको संज्ञान में नहीं लिया था। सोमवार की देर रात जिस समय पेड़ गिरा जोर का धमाका हुआ। धमाके की आवाज सुनकर मोहल्ले के युवक दौड़कर आए, क्योंकि रात में पेड़ के नीचे रफीक मियां चाय वाले ही सोते हैं। इसलिए लोगों को यह समझते देर नहीं लगी कि पेड़ के मलबे के नीचे रफीक मियां दबे हुए हैं। बस फिर क्या था युवकों के जोश और जुनून ने रफीक मियां को बचा लिया। वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि रफीक मियां मुस्लिम हैं तो क्या हुआ, हैं तो इंसान ही। एक इंसान का कोई मजहब नहीं होता। सभी एक जैसे होते हैं।
Published on:
05 Nov 2019 07:15 pm
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