
मेरठ। भोला की झाल पर शोधन प्लांट पर तैनात कर्मचारियों ने यहां झंडारोहण करते ही हड़ताल पर जाने का निर्णय ले लिया। उनकी मांग है कि आठ महीने से वेतन नहीं दिया गया, जब तक उनका वेतन नहीं मिलता, तब तक वे काम पर नहीं लौटेंगे। कर्मचारी तीसरे दिन भी काम पर नहीं लौटे हैं, इससे शहर की जल आपूर्ति चरमरा गर्इ है। जल निगम ने इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था की है आैर नगर निगम के ट्यूबवेल के जरिए शहर में पानी की सप्लार्इ की जा रही है। हड़ताल पर जाने के बाद से जल निगम का कोर्इ अफसर यहां नहीं पहुंचने से कर्मचारियों में बहुत रोष है, उन्होंने घोषणा की है जब तक उनकी पूरी सेलरी नहीं दी जाएगी, तब तक वे काम पर नहीं लौटेंगे।
चाैथी बार सप्लार्इ रोकी
शहर को गंग नहर के जरिए पानी की सप्लार्इ होती है। भोला की झाल स्थित शोधन प्लांट से शहर को सप्लार्इ करीब डेढ़ साल पहले जेएनएनयूआरएम के जरिए शहर को गंगा जल की सप्लार्इ शुरू की गर्इ थी। यहां तैनात कर्मचारियों को शुरू में तो कोर्इ दिक्कत नहीं हुर्इ, लेकिन पिछले आठ महीने से उनकी सेलरी रुकी हुर्इ है। तब से करीब चार बार वह सप्लार्इ रोक चुके हैं, लेकिन अफसरों ने इसका कोर्इ समाधान नहीं निकाला। इससे पहले भी भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने अफसरों व कर्मचारियों का समझौता करा चुके हैं।
ट्यूबवेलों से सप्लार्इ
यह शोधन प्लांट जल निगम के अंतर्गत आता है। यहां तैनात कर्मचारियों ने हड़ताल पर जाने से कुछ दिन पहले भी अफसरों को अपनी मांग का ज्ञापन दिया था, लेकिन इसके बावजूद कोर्इ निर्णय नहीं लिया गया। अब भी अफसरों ने कोर्इ समाधान नहीं निकालते हुए वैकल्पिक व्यवस्था की है आैर नगर निगम के 157 ट्यूबवेल के जरिए गणतंत्र दिवस से सप्लार्इ की जा रही है, लेकिन यह कारगर साबित नहीं हो पा रही है। तीसरे दिन भी पानी की सप्लार्इ प्रभावित हुर्इ है।
Updated on:
28 Jan 2018 10:47 am
Published on:
28 Jan 2018 10:43 am
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