
मेरठ। लॉकडाउन के दौरान मेरठ और आसपास के इलाकों में पशु कटान और तस्करी की घटनाओं में जबरदस्त इजाफा हुआ है। पुलिस इन गोतस्करों के पीछे लगी और एक बड़े अंतरराज्यीय स्तर के ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया। ये गिरोह आवारा पशुओं को डेयरियों में रखने के बहाने ले जाता था और फिर कटवा देता था। पुलिस ने गिरोह के 11 शातिरों को गिरफ्तार किया हैं। इनका नेटवर्क दिल्ली, हरियाणा और उत्तराखंड तक फैला हुआ था।
एसएसपी अजय साहनी ने बताया कि यह गिरोह ऐसे पशुओं को तलाशता था, जो गली-मोहल्लों में घूमते हैं या फिर ऐसे गोवंश जो दूध देना बंद कर देते हैं। डेयरियों में रखने के नाम पर उन्हें साथ ले जाते थे। रखरखाव के नाम पर कुछ लोगों से चंदा भी वसूलते थे। अस्थायी डेयरी में लोगों को दिखाने के लिए दूध भी बेचते थे। कुछ दिन बाद पशुओं को धीरे-धीरे करके यह गिरोह लिसाड़ी गेट और ब्रह्मपुरी क्षेत्र की डेयरियों पर ले जाता था। डेयरी की आड़ में ये पशु काट दिए जाते थे। एसएसपी ने बताया कि इस गिरोह में कुछ हिन्दू व्यक्ति भी थे, इसलिए उनके पशु ले जाने पर कोई शक नहीं करता था। एसएसपी ने बताया कि लिसाड़ी गेट पुलिस ने चार, परतापुर पुलिस ने तीन और कंकरखेड़ा थाना पुलिस ने इस गिरोह के चार आरोपियों को पकड़ा है। पकड़े गए लोगों के अन्य साथी फरार हैं। 11 आरोपियों में से पांच पर 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित है।
एसपी सिटी डा. एएन सिंह ने बताया कि इस गिरोह में सभी की भूमिका निर्धारित थी। मुख्य रूप से अनुज, अंशुल, शशिधर ऐसे पशुओं को ढूंढते थे, जो निराश्रित या बांझ हैं। शहादत और नौशाद गोमांस का काम करते थे। अब्दुल रहमान गाड़ी में गोतस्करी करता है। देर रात पुलिस नेशनल हाइवे पर गश्त कर रही थी। शोभापुर चौकी इंचार्ज सरजेश कुमार ने बताया कि खड़ौली गांव के निकट परतापुर की तरफ से आ रही गाड़ी को रोका गया तो अंदर से फायरिंग कर दी। घेराबंदी कर कार को घेर लिया गया और उसमें बैठे चारों युवकों को दबोच लिया। इनके पास से दो तमंचे और तीन कारतूस बरामद हुए।
Published on:
03 May 2020 03:56 pm
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