
कार्यशाला में छात्रों केा बताई शॉर्ट फिल्मों की बारीकियां, निर्देशन के सिखाए गुर
आजकल सामाजिक मुददों पर बनने वाली शॉर्ट फिल्मों का अधिक जोर चल रहा है। हर मुददों पर शॉर्ट फिल्में बनाई जा रही है। आने वाला समय शार्ट फिल्मों का ही है। यह बाते निर्देशक वैभव पल्हाड़े ने कहीं जो कि जल्द ही हॉलीवुड में डेब्यू करने जा रहे हैं। तीन दिवसीय कार्यशाला में उन्होंने बताया कि फिल्मों के माध्यम से सामाजिक पहलुओं को पेश करना किसी भी निर्देशक के लिए आसान नहीं होता। फिल्म निर्देशकए लेखक और संगीतकर वैभव पल्हाडे ने कहा कि फिल्म जगत में इन मुद्दों पर फिल्मों के जरिए इन सामाजिक पहलुओं को पेश करना होता है। महाराष्ट्र के अकोला जिला निवासी वैभव ने अब तक शॉर्ट फिल्मों के माध्यम से सामाज के कई तथ्यों पर अपनी राय व्यक्त की। इनमें थोडीशी लिटिल लिटिलए मीनाजए इराए डायरीए आई एम पोरसए दी लास्टडोर शॉर्ट फिल्म्स के नाम शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि 2021 में संगीत निर्देशक के रूप में डेब्यू करने के साथ उन्होंने ट्रांस म्यूजिक ट्रैक्स बनाकर युवाओं को थिरकने पर मजबूर किया। जिसमें से कुछ प्रसिद्ध ट्रांस सिटी गर्ल्स येए अनिमालियाए लव कैप्सूलए शिव तांडव और कलर्स ऑफ़ माय लाइफ हैं। इसके अलावा उनके द्वारा निर्देशित लघु फिल्म आई एम पोरस के जरिए उन्हें भारतीय सिनेमा को एक नई पहचान दिलाई इस फिल्म के लिए उन्हें कई पुरस्कार मिले।
बता दें कि यह फिल्म 2018 में पूरे साल यूट्यूब की ट्रेंडिंग लिस्ट में नंबर वन पर थी। वैभव पल्हाड़े ने कुछ हिंदी एव मराठी फिल्म के लिए सहायक निर्देशक के रूप में काम किया है। 2020 में लगे लॉकण्डाउन के दौरान उनके पहले नोवेल साजना रे को काफी सफलता मिली। उन्होंने बताया कि उनके अपकमिंग प्रोजेक्ट्स वेबसीरीज पैरेलल रिलेशनशिप और कर्स ऑफ भद्रावती हैं। जिसमें वो बतौर निर्देशक काम कर रहे हैं। वहीं] आगामी मराठी फीचर फिल्म 72 रुपयाचा पाउस] 2023 में सिनेमाघरों में दस्तक देगी।
Published on:
17 Aug 2022 07:27 pm
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