
मेरठ छावनी में जासूसीः तीन महीने से सेना के राडार पर था जवान, यहां रेजिमेंट के अफसरों को पता तक नहीं था
मेरठ। मेरठ छावनी की चार्जिंग रैम डिवीजन की इंटर डिवीजन सिग्नल रेजिमेंट का जवान ड्यूटी पर रहकर क्या-क्या कर रहा था, रेजिमेंट के अफसरों काे पता ही नहीं चल पाया। सेना की वेस्टर्न कमांड को जब इस जवान के बारे में इनपुट मिलने शुरू हुए तो वरिष्ठ सैन्य अफसरों में हलचल मच गर्इ आैर इस जवान पर निगरानी रखी जाने लगी। तीन महीने से वेस्टर्न कमांड के सैन्य अफसर इस जवान को राडार पर लिए हुए थे। जैसे ही उन्हें मिले इनपुट की पुष्टि हुर्इ तो उन्होंने जवान को कब्जे में ले लिया, जबकि वेस्टर्न कमांड के अफसरों ने जब जासूसी के आरोपी जवान को पकड़ भी लिया, तब भी मेरठ छावनी अफसरों को पता नहीं चल पाया। इसमें छावनी के बड़े अफसर भी शामिल है।
बागेश्वर का है आरोपी जवान कंचन सिंह
सेना में पिछले दस साल से तैनात आरोपी जवान का नाम कंचन सिंह है, जो उत्तराखंड के बागेश्वर का निवासी है। पाकिस्तान को भारतीय सेना की खुफिया जानकारी देने का आरोपी कंचन सिंह से सेना लगातार पूछताछ कर रही है। सैन्य अफसरों के सामने सबसे बड़ा सवाल यही है कि आरोपी जवान कंचन सिंह ने पाकिस्तान को सेना की कौन-कौन सी जानकारियां उपलब्ध करार्इ हैं। सूत्रों की मानें तो आरोपी जवान पूछताछ में थोड़ी-थोड़ी जानकारी दे रहा है। जवान से यह पूछताछ लंबी चलेगी, क्योंकि सिग्नल रेजिमंट सेना का महत्वपूर्ण अंग है।
दो साल से जुड़ा था पाक एजेंसियों से
सैन्य सूत्रों का कहना है कि सिग्नल रेजिमेंट का आरोपी जवान पिछले दो साल से पाकिस्तान की एजेंसियों से किसी न किसी तरह जुड़ा हुआ था। तीन महीने पहले वेस्टर्न कमांड को इनपुट मिलने के बाद जब कमांड के अफसरों को विश्वास हो गया कि उनका जवान पाकिस्तान एजेंसियों के लिए जासूसी कर रहा है, तब उस पर शिकंजा कसा गया। सूत्रों की मानें तो सैन्य अफसरों को लगता है कि दो साल में जिस तरह आरोपी जवान पाकिस्तान एजेंसियों से जुड़ा हुआ था, उससे काफी जानकारी इन दुश्मन एजेंसियों को दी होंगी। इसी को ध्यान में रखकर उससे पूछताछ की जा रही है। आरोपी जवान से एटीएस टीम भी पूछताछ करेगी।
Published on:
18 Oct 2018 11:05 am
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