scriptरसोई से दूरी बनाने लगी चीनी और सेहत बनाने वाली दालें, बढ़ती महंगाई ने बिगाड़ा बजट | Inflation spoiled the budget of the kitchen | Patrika News

रसोई से दूरी बनाने लगी चीनी और सेहत बनाने वाली दालें, बढ़ती महंगाई ने बिगाड़ा बजट

locationमेरठPublished: Sep 20, 2021 02:51:15 pm

Submitted by:

Nitish Pandey

थोक विक्रेता मामा किराना स्टोर के संजीव का कहना है कि सरसों तेल के महंगाई के पीछे सरसों का महंगा होना है।

inflation.jpg

आठ साल के उच्च स्तर पर पहुंच चुकी महंगाई लोगों का बजट बिगाड़ रही है और इस महंगाई में खाद्य महंगाई का है सबसे अधिक हिस्सा।

मेरठ. पहले तो पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों ने आग लगाई हुई थी। लेकिन अब इनका असर चीनी, खाद्य तेलों और दालों पर भी पड़ने लगा है। बढ़ते भाव ने आम आदमी की रसोई का बजट बुरी तरह से बिगाड़ कर रख दिया है। पिछले एक महीने में ही खाद्य तेलों के दाम में 10 से 12 रुपये तक की बढ़ोत्तरी हुई। दालों की कीमत में 10 प्रतिशत का उछाल आया है।
यह भी पढ़ें

धान खरीद से पूर्व किसानों को कराना होगा ऑनलाइन पंजीकरण, 24 घंटे में सिर्फ तीन बार आएगा ओटीपी

एक माह के अंदर हुई है बढ़ोत्तरी

ऐसा नहीं है कि सिर्फ खाद्य तेल, दाल ही नहीं, चीनी व आटा आदि के दामों में तेजी आ गई है। सरसों का तेल अब 210 रुपये प्रतिकिलो हो गया है। तीस रुपये की बढ़ोत्तरी एक माह के अंदर हुई है। चीनी के दाम में भी 5-10 रुपये प्रतिकिलो की बढोत्तरी हुई है। दालों के दाम में भी 5 से 10 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसका असर सीधा आम आदमी की जेब पर पड़ रहा है।
किराना व्यापारी युगल गुप्ता ने बताया कि खाद्य सामग्रियों के दामों में काफी बढ़ोत्तरी हो गयी है। थोक में दाम बढ़ने से दाल, चीनी, सरसों तेल व रिफाइंड के दाम बढ़ने लगे हैं। डीजल व पेट्रोल का दाम बढ़ने से ढुलाई का किराया भी अधिक बढा है।
खाद्य सामाग्रियों के बढ़ते रेट

खाद्य सामाग्री, अगस्त, सितंबर

अरहर दाल, 95 रुपये प्रतिकिग्रा, 105 रुपये प्रतिकिग्रा

चना दाल, 75 रुपये प्रतिकिग्रा, 85 रुपये प्रतिकिग्रा

मसूर दाल, 80 रुपये प्रतिकिग्रा, 95 रुपये प्रतिकिग्रा
रिफाइन तेल, 150 प्रति लीटर, 165 प्रति लीटर

सरसों तेल, 170 प्रति लीटर, 210 प्रति लीटर

चीनी, 35 रुपये प्रतिकिग्रा, 42 रुपये प्रतिकिग्रा

मूंगदाल, 80 रुपये प्रतिकिग्रा, 90 रुपये प्रतिकिग्रा

बढ़ने लगे आटा के भी दाम
आटा के दाम में भी बढ़ोत्तरी हुई है। अगस्त माह में आटा 20 रुपये प्रतिकिग्रा बिक रहा था। सितंबर माह में गेहूं की कीमत बढ़ाने से चार रुपये महंगा हो गया। अब आटा 24 रुपये प्रति किग्रा मिल रहा है।
थोक विक्रेता मामा किराना स्टोर के संजीव का कहना है कि सरसों तेल के महंगाई के पीछे सरसों का महंगा होना है। डीजल-पेट्रोल का दाम बढ़ने से ढुलाई वाहनों का भी खर्च बढ़ गया है। उसे ऊपर टैक्स अलग से लग रहा है। इसके चलते कीमतों में उछाल आ रहा है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो