
मेरठ। कहते हैं कि हस्तिनापुर को द्रौपदी का श्राप मिला हुआ है, इसीलिए हस्तिनापुर का विकास नहीं हो सका, लेकिन मोदी सरकार के बजट 2020 में जैसे ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हस्तिनापुर सर्किट के लिए म्यूजियम बनाने की घोषणा की तो उपेक्षित हस्तिनापुर के विकास को नई राह मिल गई और यहां के लोग खुश हो गए।
नेचुरल साइंसेज ट्रस्ट के चेयरमैन और शोभित विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर प्रियांक भारती ने बताया कि माघ माह में हस्तिनापुर के लिए घोषणा हुई है। महाभारत के शांतिपर्व के अनुसार माघ माह में ही पितामह भीष्म ने युधिष्ठिर को आशीर्वाद देकर हस्तिनापुर के सिंहासन पर बैठाया था। उन्होंने बताया कि भले ही युग बदल गया हो, लेकिन हस्तिनापुर के लिए काल की गति वही रही। शनिवार को हस्तिनापुर के उद्धार की घोषणा माघ माह में ही हुई है।
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बता दें कि हस्तिनापुर का राजनीतिक दृष्टि से भी बहुत महत्व है। आजादी के बाद से ही हस्तिनापुर ने विकास के जो सपने देखे उन्हें पूरा होने में लंबा समय लगा। हस्तिनापुर और चंडीगढ़ के विकास की नींव गत 6 फरवरी 1949 में देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के साथ प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री गोविंद बल्लभ पंत रखकर गए थे। उसके बाद से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र बनने के बाद तमाम शहर विकास की दौड़ में आगे निकल गए जबकि हस्तिनापुर वहीं का वहीं रहा। इसका कारण हस्तिनापुर को द्रौपदी के श्राप से जोड़कर देखा जाता रहा।
Published on:
02 Feb 2020 01:20 pm
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