
भगवान शिव
मेरठ। शिव की पूजा का सावन में अपना ही विशेष महत्व है, यदि कोई भक्त पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ भगवान शिव की आराधना सावन के महीने में करता है तो भोलेनाथ उसकी सभी मनोकामनाएं अवश्य पूरी करते हैं। साल में एक यही महीना ऐसा आता है जिसमें भक्त भोले बाबा का नाम जपते हैं। अपने हिंदू धर्म में बड़ी श्रद्धा के साथ पूजा जाता है। हम बताते हैं आपको सावन शिवरात्रि में किस शुभ मुहूर्त में जलाभिषेक करेंगे तो शिव प्रसन्न होंगे। वर्ष में दो दिन ऐसे होते हैं जिनमें भोले की पूजा करने से मनुष्य को पूरे साल पूजा का पुण्य मिल जाता है। इनमें एक है महाशिवरात्रि और सावन की शिवरात्रि। सावन की शिवरात्रि का बड़ा ही महत्व है, क्योंकि इसमें व्रत रखने वालों के पाप का नाश होता है। इस बार सावन शिवरात्रि गुरुवार नौ अगस्त 2018 को मनाई जाएगी।
गुरुवार को होगा शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त
पंडित कमलेश्वरानंद सेमवाल के अनुसार नौ अगस्त गुरुवार को शिवरात्रि निशिथ काल पूजा का समय मध्यरात्रि 12 बजकर 05 मिनट से 12 बजकर 49 मिनट तक है। जिसमें व्रत पारण का समय 10 अगस्त 2018 को सुबह 05:52 से 15:44 तक रहेगा। चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ 9 अगस्त रात्रि 22:45 से प्रारंभ होगा, जिसका समापन 10 अगस्त 2018 को 19:07 पर होगा। शुक्रवार 10 अगस्त को सावन शिवरात्रि पारण का समय प्रातः 05:51 से 15:42 तक रहेगा। इस समय के अतिरिक्त प्रातः 4 बजे से 8:47 तक जलाभिषेक का उत्तम मुहूर्त माना गया है।
शिवरात्रि पर व्रत का विशेष महत्व
शिवरात्रि पर बिना अभिषेक शिव पूजा अधूरी मानी जाती है, इसलिए शिवरात्रि या सोमवार का व्रत अभिषेक का अलग ही महत्व होता है। बिना अभिषेक के पूजा पूर्ण नहीं मानी जाती। इसलिए सावन की शिवरात्रि में भक्तगण अपनी-अपनी श्रद्धानुसार शिव जी का अभिषेक करें। यह अभिषेक जल, दूध, पंचामृत या रुद्राभिषेक के रूप में किया जा सकता है। माना जाता है अभिषेक करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
Published on:
08 Aug 2018 06:50 pm
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