script

ये दो वजह बदलकर न रख दे कैराना चुनाव, जानिए इनके बारे में

locationमेरठPublished: May 20, 2018 12:57:11 pm

Submitted by:

sanjay sharma

सभी राजनीतिक पार्टियां इनका तोड़ ढूढ़ने में जुटी

meerut

ये दो वजह बदलकर न रख दे कैराना चुनाव, जानिए इनके बारे में

केपी त्रिपाठी, मेरठ। कैराना लोकसभा चुनाव में नामांकन के बाद अब जनसभाओं का दौर शुरू होगा। दो वजह सभी राजनीतिक पार्टियों के लिए चुनौती बनी हुर्इ है। चुनावी जनसभाओं में भीड़ एकत्र करना चुनौतीपूर्ण कार्य बना हुआ। इसलिए चुनावी जनसभा किसी भी पार्टी के लिए जोखिम भरा हो सकता है। कैराना चुनाव में हर बार जनसभा की भीड़ वोटरों का रूख तय करती है। कैराना लोकसभा उपचुनाव में 28 मई को वोटिंग होनी है।
यह भी पढ़ेंः कैराना के बाद यूपी के इस शहर में हिन्दू परिवार ने दी पलायन की धमकी

यह भी पढ़ेंः मोतियों की माला बनाने की आड़ में क्या करोड़ों की ठगी हो सकती है, मिलिए इस मास्टरमाइंड से!

ये हैं दोनों बड़ी वजह

चुनावी रैलियों को लेकर जहां भाजपा बेफिक्र नजर आ रही है वहीं गठबंधन से जुड़ी पार्टियों खासकर सपा, बसपा और रालोद के नेताओं के चेहरे पर चुनाव के तापमान का असर साफ दिखाई दे रहा है। मई की झुलसाने वाली गर्मी और ऊपर से रमजान। दोनों ही हालत भीड़ जुटाने के लिहाज से काफी चुनौतीपूर्ण हैं। 2019 के आम चुनाव का सेमीफाइनल और गठबंधन की राजनीति का फाइनल माने जा रहे कैराना में विपक्ष हर हाल में यहां पर जीत का स्वाद चखना चाहेगा। कैराना फतह के लिए भाजपा और गठबंधन दलों ने अपने-अपने पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को चुनावी मंत्र देकर मैदान में उतार दिया है। कैराना चुनाव में समाजवादी पार्टी की तरफ से कैराना का दौरा कर चुके पूर्व विधायक शाहिद मंजूर का कहना है कि रमजान में पहले भी चुनाव होते रहे हैं, लेकिन गर्मी इतनी भीषण है कि दिन में चुनावी रैलियों में भीड़ रोकना चुनाव लड़ रहे सभी दलों के लिए काफी मुश्किल भरा काम है।
यह भी पढ़ेंः पुलिस की मौजूदगी में हुर्इ पंचायत, गैंगरेप मामले में 30 हजार में समझौते का दबाव

यह भी पढ़ेंः योगी राज में नहीं सुन रही थानों की पुलिस, एसएसपी आफिस पर यह करना पड़ रहा फरियादियों को

गर्मी से बढ़ जाएगी परेशानी

कैराना के मूल निवासी हाजी आरिफ जो मेरठ में रहते हैं उनकी वोट कैराना में है। उनका कहना है कि वोट किसको देंगे ये बात तो बाद की है, लेकिन ऐसी तेज धूप में घर से निकलना और वह भी रमजान के महीने में आसान नहीं है। राष्टीय लोकदल के महासचिव डा. मैराजुद्दीन ने कहा कि कैराना चुनाव सभी के लिए चुनौती बना हुआ है। भाजपा के लिए तो यह अस्मत का सवाल है। रही बात गर्मी और रमजान माह की तो इसका चुनाव पर कोई असर मेरे हिसाब से पड़ने वाला नहीं। बीजेपी के कुशासन के खिलाफ कैराना की जनता में जो जुनून दिखाई दे रहा है उससे तो लगता है कि लोग चुनावी रैलियों में जरूर जाएंगे।

ट्रेंडिंग वीडियो