
Karwa Chauth 2018: 30 साल बाद बन रहे ये दो दुर्लभ योग, व्रती महिलाओं की होगी मनोकामनाएं पूरी
मेरठ। भारतीय संस्कृति के तीज-त्योहार में योग और समय का विशेष महत्व होता है। होली हो या दीवाली या फिर महिलाओं के सुहाग का प्रतीत प्रसिद्ध त्योहार करवा चौथ। सभी त्योहार योग और हिन्दू पंचांग के दिए समय अनुसार ही मनाए जाते हैं। ज्योतिषाचार्यों और पंडितों का कहना है कि तीज-त्योहार इन्हीं पंचांग के अनुसार मनाएं तो इनका महत्व बढ़ जाता है। इस बार करवा चौथ भी तीस साल बाद दुर्लभ योग के साथ आ रहा है। कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाने वाला करवा चौथ का व्रत इस बार खास है। व्रत के दौरान दो विशेष योग बनने से व्रती महिलाओं के लिए यह विशेष फलदायी होगा एवं व्रत 27 अक्टूबर को किया जाएगा। व्रत को लेकर महिलाओं ने तैयारियां शुरू कर दी। महिलाओं द्वारा की जा रही तैयारियों के कारण इन दिनों बाजार में महिलाओं की अच्छी खासी चहल पहल देखी जा रही है। पंडित कैलाश नाथ द्विवेदी ने बताया कि पति की लंबी उम्र की कामना के साथ परिवार की खुशहाली के लिए महिलाओं द्वारा करवा चौथ का व्रत किया जाता है।
30 साल बाद बन रहे ये दो विशेष योग
इस बार 30 साल बाद करवा चौथ के दिन सर्वार्थ सिद्धि व दुर्लभ अमृत सिद्धि योग बन रहे हैं। ये दोनों योग पूरे तीस साल बाद एक साथ लग रहे हैं। इन दुर्लभ योग के कारण सुहागन महिलाओं की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी। उन्हें इस बार व्रत का विशेष फल प्राप्त होगा। पंडित कैलाश नाथ द्विवेदी ने बताया कि इन योग में किए गए कार्यों के सकारात्मक परिणाम मिलते हैं। इसीलिए इन योगों में नए काम की शुरुआत भी फलदायी होती है।
ये है शुभ मुहूर्त
27 अक्टूबर को चतुर्थी तिथि का प्रारंभ शाम 06 बजकर 37 मिनट से होगा। इसके बाद दूसरे दिन यानी 28 अक्टूबर की शाम 04 बजकर 54 मिनट पर इसकी समाप्ति होगी। पूजन का शुभ मुहूर्त 27 अक्टूबर की शाम 05 बजकर 48 मिनट से शाम 07 बजकर 04 मिनट तक रहेगा। यानी कुल एक घंटा 16 मिनट का पूजन का मुहूर्त होगा। इसलिए इस शुभ मुहूर्त में ही पूजन करें।
Published on:
26 Oct 2018 06:22 pm
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