
Karwa Chauth 2018: करवा चौथ व्रत में इस तरह परिवार आैर ड्यूटी के बीच सांमजस्य के साथ काम करती हैं महिला पुलिस अफसर
मेरठ। भारतीय संस्कृति में करवा चौथ का व्रत सुहाग का प्रतीक माना गया है। इस पर्व का सुहागन महिलाओं को पूरे साल इंतजार होता है। त्योहार की तैयारियों में सुहागनें कई दिन पहले से जुट जाती हैैं। ब्यूटी पार्लर और मेहंदी की दुकानों पर भारी भीड़ जुट जाती है। वहीं ज्वैलरी शाॅप और कपड़ों की दुकानों में भी भीड़ महीनों पहले से लग जाती है। घरेलू कामकाजी महिलाओं के लिए तो करवा चौथ पर्व की तैयारी करने में कोई परेशानी या बाधा नहीं होती, लेकिन क्या समाज ने उन सुहागिन महिलाओं के बारे में भी जानने की चेष्टा की जो ऐसी नौकरी में हैं जहां पर 24 घंटे वर्दी पहननी है और किसी भी समय जरूरत पड़ने पर कार्यालय से बुलावा आ सकता है। हम बात कर रहे हैं पुलिस महकमे में काम करने वाली उन महिलाओं की जो 24 घंटे ड्यूटी पर रहती हैं ओर उसके बाद भी समाज के तीज त्योहार को उसी रीति रिवाज से मनाना है जो मान्यताएं चली आ रही हैं।
महिला थाना इंचार्ज ने करवा चौथ के व्रत पर कहा यह
मेरठ महिला थाना इंचार्ज नेहा चौहान से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि क्या करें जिस पेशे में हैं उसमें समाज की जिम्मेदारियां अधिक हैं, लेकिन उसके साथ-साथ पारिवारिक और रीतिरिवाजों को निभाना पड़ता है। ऐसे में जरूरत होती हैं दोनों कामों के बीच सामंजस्य बैठाने की। उन्होंने बताया कि हम उन सुहागिन महिलाओं और बहनों की रक्षा का जिम्मा लेते हैं जो आजकल कैंपों में मेंहदी लगवा रही हैं। करवा चौथ की तैयारी में जुटी हैं, लेकिन इन्हीं सब के बीच जो भी थोड़ा समय मिलता है अपनी भी तैयारी कर लेते हैं। थोड़ा मुश्किल तो जरूर होता है, लेकिन सामाजिक रीति रिवाज से बंधे इन त्योहारों के लिए भी समय निकालना ही होता है।
ड्यूटी के बीच त्योहार मनाना मुश्किल होता है
फिर हम भी त्योहार को वैसे ही मना लेते हैं जिस हाल में होते हैं। उन्होंने बताया कि थाने में बहुत सी कांस्टेबल महिलाएं विवाहित हैं। ऐसे में जो अविवाहित कांस्टेबल हैं वे अपने ऐसी साथी महिलाओं की पूरी मदद करती हैं, जो व्रत रखती हैं। सभी का सहयोग रहता है तो पता ही नहीं चलता कि ड्यूटी पर हैं या घर पर। सब कुछ आसानी से हो जाता है।
Published on:
27 Oct 2018 09:02 am
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