
मेरठ। नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) के विरोध में मेरठ में हुए बवाल के पीछे कश्मीरियों और बांग्लादेशियों शामिल होने अंदेशा जताया गया है। इसको लेकर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। सीसीटीवी फुटेज खंगाली जा रही हैं। खुफिया विभाग की जांच में सामने आ रहा है कि झुग्गी-झोपडिय़ों में अवैध तरीके से रह रहे लोगों को आगे करके हापुड़ रोड और लिसाड़ी गेट क्षेत्र में पथराव, आगजनी और फायरिंग की गई। कश्मीरियों और बांग्लादेशियों के इन्हीं झुग्गी-झोपडिय़ों में रहने के सवाल पहले भी उठे हैं। CAA के विरोध में बवाल के बाद पुलिस ने फिर झुग्गी-झोपडिय़ों में रहने वालों पर जांच शुरू की है।
हापुड़ रोड से सटी जाकिर कालोनी, आशियाना कालोनी और इसके आसपास के इलाकों में करीब 500 से ज्यादा झुग्गी-झोपडिय़ां हैं। इनके अलावा मेरठ से खरखौदा के बीच जमना नगर के आसपास भी करीब 300 झुग्गी-झोपडिय़ां हैं। यहां पहले भी शासन की ओर से यहां रह रहे लोगों का सत्यापन करने के दिए थे। इनमें अधिकतर पूर्वोत्तर असम, पश्चिम बंगाल के लोग भी थे। ये लोग शहर में पॉलिथीन और कूड़ा एकत्र करने का काम करते हैं।
खुफिया रिपोर्ट में सामने आया है कि शुक्रवार को हापुड़ रोड पर जिस स्थान से सबसे पहले आगजनी शुरू हुई थी, वहां से झुग्गी -झोपड़ी ज्यादा दूर नहीं है। झोपडिय़ों में रहने वाले संदिग्ध लोग इस बवाल में सबसे आगे थे। ये लोग पूरी प्लानिंग के साथ हापुड़ रोड और लिसाड़ी गेट क्षेत्र में रहे। मामले की जांच में इन लोगों की पहचान के लिए उन लोगों की मदद ली जा रही है, जिन्होंने इन्हें रहने के लिए जमीन दे रखी है। इस मामले की जांच कर रहे सीओ कोतवाली दिनेश शुक्ला का कहना है कि सीसीटीवी कैमरों की फुटेज में कश्मीर के युवक दिखाई दिए हैं। जिनकी जांच पड़ताल चल रही है। कई स्थानों की फुटेज कब्जे में ली गई है।
Published on:
23 Dec 2019 11:59 am
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