
Lata Mangeshkar : लता मंगेशकर अपनी तारीफ सुनकर ऐसे देती थी जवाब,बातचीत करने में ऐसी थी स्वर सम्राज्ञी
Lata Mangeshkar सुर और स्वर की मल्लिका लता मंगेशकर की आवाज आज चारों ओर गूंज रही हैं। उनके जाने के बाद सोशल मीडिया और अन्य चैनलों पर उनके गाए तराने बज रहे हैं। लेकिन आज उन तरानों को गाने वाली सुर सम्राज्ञी हमारे बीच नहीं हैं। सादगी की मिसाल कही जाने वाली लता मंगेशकर को घमंड या अभिमान छूकर भी नहीं गया था। गुस्से में भी वे अक्सर मुस्कुरा दिया करती थी। ये कहना है मेरठ के ज्ञान दीक्षित का। वरिष्ठ फोटोग्राफर और मुंबई में दशकों तक बड़ी बड़ी फिल्म हस्तियों के साथ काम करने वाले ज्ञान दीक्षित को आज कौन नहीं जानता।
मुंबई के फिल्म जगत की वो अपने आप में एक चलती फिरती फोटो एलबम और किताब हैं। लता मंगेशकर के निधन से ज्ञान दीक्षित आज बेहद आहत हैं। ज्ञान दीक्षित 1982 में पहली बार लता मंगेशकर से मिले थे। उसके बाद कई बार उनकी मुलाकात हुई। ज्ञान दीक्षित बताते हैं कि जब लता मंगेशकर की तारीफ की जाती थी तो वे कुछ बोलती नहीं थी।
ज्ञान दीक्षित लता जी से मिलने की एक घटना का जिक्र करते हुए कहते हैंं कि वे एक बार महबूब स्टूडियों में लता जी के एक गाने की रिकार्डिग के दौरान मौजूद थे। इस दौरान उन्होंने लता जी के सुर की तारीफ की तो लता जी उसका जवाब मुस्कुरा कर दिया था। जान दीक्षित कहते हैं कि लता जी बहुत ही कम बोलती थी। वे बस मुस्कुरा कर ही जवाब देती थी। किसी बात की सहमति भी मुस्कुरा कर देती थी।
Updated on:
06 Feb 2022 06:13 pm
Published on:
06 Feb 2022 05:41 pm
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