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मेरठ। मेरठ के झिंझोखर गांव में शनिवार को सुबह फिर से तेंदुआ दिखाई देने की सूचना से हड़कंप मच गया। हालांकि गांव में शुक्रवार से ही वन विभाग की टीम ने डेरा डाला हुआ है। वन विभाग की टीम ने गांव में पिंजरे की व्यवस्था भी की हुई है। रात में वन विभाग और ग्रामीणों ने संयुक्त रूप से कई जगहों पर ग्रुपों में एकत्र होकर तेंदुए की तलाश में अभियान चलाया था, लेकिन कहीं कोई नहीं मिला।
शनिवार की सुबह गांव के ही दो युवक महेश और किशोरी तालाब के पास से गुजर रहे थे, तभी कुत्तों के भोंकने और तालाब के किनारे गन्ने के खेत के पास तेंदुआ जैसा जानवर दिखाई दिया। जिससे दोनों युवकों ने तेंदुआ होने का शोर मचा दिया। इसके बाद ग्रामीण भी लाठी-डंडा लेकर मौके पर दौड़ पड़े। वन विभाग की टीम ने भी खेत को चारों ओर से घेर लिया, लेकिन किसी की हिम्मत खेत के भीतर घुसने की नहीं हुई।
खेत के चारों ओर आग लगाई गई, शोर किया गया। वहीं पर पिंजरा भी ले जाया गया। सब कुछ दो घंटे करने के बाद भी किसी को तेंदुआ दिखाई नहीं दिया। डीएफओ अदिति शर्मा ने कहा कि तेंदुआ काफी फुर्तीला जानवर होता है। हम जितनी देर में सोचते हैं वह उतनी देर में काफी दूर निकल जाता है। उन्होंने बताया कि हालांकि टीम को तेंदुआ नहीं दिखाइ दिया, फिर भी ग्रामीणों को सावधान रहने के लिए कहा गया है। वहीं झिंझोखर के आसपास के गांव में भी लोगों को अलर्ट किया गया है। उन्होंने बताया कि तेंदुआ दोपहर को दिखाई नहीं देता। तेंदुआ अपने शिकार पर सुबह, शाम या फिर रात में निकलता है।
Published on:
14 Sept 2019 12:27 pm
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