
मेरठ। मेरठ में जगह-जगह मंडप बने होने और उनको लेकर आए दिन लगने वाले जाम से परेशान होकर हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल की गई। जिस पर हाईकोर्ट ने गंभीरता से संज्ञान लेते मेरठ विकास प्राधिकरण के वीसी को दिशा-निर्देश दिए कि वे अवैध मंडपों की सूची बनाकर हाईकोर्ट को सौंपे या फिर मंडपों को एमडीए के नियमों के अनुसार चलाए। नियमानुसार जो मंडप नहीं चलते हैं उनको तत्काल बंद किया जाए।
नोटिस का जवाब उसी दिन मांगा
हाईकोर्ट के निर्देश का पालन करते हुए एमडीए ने मंडपों को नोटिस जारी कर दिया। मंडप मालिकों को एमडीए ने नोटिस जारी किया। इसका जवाब भी मंडप संचालकों से इसी दिन देने को कहा। जिस पर मंडप संचालकों में रोष व्याप्त हो गया। मंडप संचालक एकत्र होकर एमडीए वीसी के पास पहुंच गए और उनका घेराव किया। व्यापार मंडल के अध्यक्ष नवीन गुप्ता ने कहा कि विभाग द्वारा जो नोटिस जारी किया गया है वह किसी भी दृष्टि से अव्यवहारिक नहीं है। इसका जवाब देने के लिए पर्याप्त समय नहीं है। इसलिए नोटिस को वापस लेना चाहिए।
एकल खिड़की के कैंप की मांग
व्यापारियों की मांग थी कि जारी नोटिसों के संदर्भ में विशेष परिस्थिति को देखते हुए मंडपों के लिए सरल समाधान योजना लागू कर एकल खिड़की पर अधिकृत अधिकारियों की टीम तैयार कर अपने कार्यालय में एक कैंप का आयोजन करने की व्यवस्था की जाए। जिससे मंडप स्वामियों को नक्शा पास कराने और नियमित विभागीय फीस जमा कराने में कोई परेशानी न हो। एमडीए वीसी ने व्यापारियों की मांग को मानते हुए उनको कुछ और दिन का समय दे दिया।
Published on:
08 Aug 2019 02:51 am
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