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International Yoga Day 2023: मदरसा छात्रों का प्राणायाम और कपालभाति क्रिया देख हो जाएंगे दंग, देखें फोटो

International Yoga Day 2023: योग दिवस पर मदरसा मंज़र-ए-इस्लाम में योग दिवस मनाया गया। मदरसा में छात्रों और मुफ्तियों ने प्राणायम और कपालभाति क्रियाएं की।

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मेरठ

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Kamta Tripathi

Jun 22, 2023

International Yoga Day 2023: मदरसा छात्रों का प्राणायाम और कपालभाति क्रिया देख हो जाएंगे दंग, देखें फोटो

International Yoga Day 2023: मदरसा छात्रों का प्राणायाम और कपालभाति क्रिया देख हो जाएंगे दंग, देखें फोटो

International Yoga Day 2023: योग दिवस पर मदरसा मंज़र-ए-इस्लाम में योग दिवस मनाया गया। मदरसा मंज़र-ए-इस्लाम में प्रधानाचार्य मुफ्ती मोहम्मद आकिल और मुफ्ती मोहम्मद सलीम की निगरानी में विश्व योगा दिवस मनाया गया। जिसमें मदरसे के सभी छात्रों और शिक्षकों ने जोश के साथ इस आयोजन में हिस्सा लिया। मदरसे में योग की तमाम तरह की क्रियाएं की गई।

मदरसे के शिक्षक मुफ्ती अय्यूब खान, मुफ्ती जमील खान, डाक्टर एजाज अंजुम, मौलाना अख्तर, कारी अब्दुल हकीम, मौलाना सययद शाकिर, मास्टर कमाल, मौलाना मुजीब, सययद अनवारुल सादात, मौलाना मोईन, मौलाना अबरारुल हक, मास्टर जुबैर आदि ने मदरसा छात्रों के साथ योगा दिवस मनाया।

इस दौरान मौलाना अब्दुल हकीम ने कहा कि योग भारतीय दर्शन की एक धार्मिक क्रिया है। जिसका उद्देश्य मोक्ष की प्राप्ति है !
उन्होंने कहा कि मोक्ष प्राप्त करना भारतीय दर्शन में परम उद्देश्य है।

यह भी पढ़ें : International Yoga Day 2023: योग दिवस पर बारिश में दिखा उत्साह, पार्कों और स्टेडियम में मेरठवासियों ने किया योगाभ्यास

भारतीय शास्त्रों के अनुसार ॐ का उच्चारण करते समय शरीर के अंदर जो क्रियाएँ होती हैं और वायु का गुज़र जहाँ से होता है उससे शरीर को स्वास्थ लाभ होता है और ये क्रियाएँ व लाभ किसी और शब्द के उच्चारण से नहीँ हो सकता बल्कि आँख मूंदकर ध्यान लगाने होता है।

योग खालिस आध्यात्मिक और धार्मिक क्रिया है। योग फ़कत एक कसरत नहीँ है बल्कि एक इबादत है इससे तंदुरुस्ती तभी मिलती है जब इसे पूरी जानकारी के साथ किया जाए।

अगर यह मान लिया जाए कि योग से तंदुरुस्ती मिलती है तो भी देखना यह होगा कि क्या इस्लाम इसकी इजाज़त देता है।

इस्लाम का उसूल यह है कि वो कोई हुक्म देता है तो फ़िर मुसलमानों से यह आशा करता है।

वें उसके फायदे या नुकसान न देखें बस हुक्म को पूरा करें जैसे कि इस्लाम ने मुसलमानों को शराब न पीने व जुआ न खेलने का हुक्म दिया और कहा कि ऐ रसूल तुमसे लोग शराब और जुए के बारे में पूछते हैं तो तुम उन से कह दो कि इन दोनों में बड़ा गुनाह है।

योग चूँकि इबादत है। इसके बाद मदरसे में सभी ने बडे़ इत्मिनान के साथ योग किया। योग के दौरान तरह-तरह की क्रियाए की गईं।

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मरदसे के छात्रों ने योग के क्रियाओं के करने के साथ ही योग के फायदे भी जाने। इस दौरान मदरसा छात्रों ने करीब 30 मिनट तक योग क्रियाओं को किया।

मदरसा छात्रों का कहना था कि वो अपने घर पर प्रतिदिन 10 मिनट तक इसी तरह से योग करते हैं।

योग शरीर को स्वास्थ्य रखने की एक प्रक्रिया है जो बिना पैसे के की जा सकती है। मदरसे में छात्रों का योग देखकर लोग दंग रह गए। मदरसा छात्रों ने ऐसे योग किया जैसे वो पिछले काफी समस ये योग कर रहे हैं। मुफ्ती ने बताया कि योग दिवस के लिए काफी दिन से निरंतर अभ्यास किया जा रहा था।