
पढ़िये, मायावती आैर सीएम योगी के वे भाषण, जिनकी वजह से दोनों पर लगा प्रतिबंध
मेरठ। लोक सभा चुनाव 2019 में चुनाव आयोग ने योगी आदित्यनाथ आैर बसपा सुप्रीमो मायावती को आचार संहिता के उल्लंघन में दोषी पाया है। आयोग ने आपत्तिजनक भाषणों के कारण योगी पर तीन दिन आैर मायावती पर दो दिन का बैन लगा दिया है। यह बैन 16 अप्रैल को सुबह छह बजे से लागू हो जाएगा। चुनाव आयोग की यह बड़ी कार्रवाई ऐसे समय में आयी है जब सुप्रीम कोर्ट ने एक दिन पहले ही पूछा था कि विद्वेष फैलाने वाले भाषणों को लेकर निर्वाचन आयोग ने अब तक क्या कार्रवाई की है।
पहले मायावती, फिर योगी आदित्यनाथ
लाेक सभा चुनाव 2019 के प्रथम चरण के मतदान के चुनाव प्रचार के दौरान पहले बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने भाषण में वे बातें कहीं, जिससे हड़कंप मच गया था। मायावती ने सात अप्रैल को सहारनपुर में गठबंधन के उम्मीदवार हाजी फैजल-उर-रहमान के समर्थन में चुनावी रैली की थी। मायावती ने अपने भाषण में मुसलमानों से अपील करते हुए कहा था कि वे अपना वोट बंटने नहीं दें। मायावती ने कहा था कि मैं खासतौर पर मुस्लिम समाज के लोगों से यह कहना चाहती हूं कि आपको भावनाओं में बहकर, रिश्ते-नातेदारों की बातों में आकर वोट बांटना नहीं है, बल्कि एकतरफा वोट गठबंधन को देना है। मायावती ने रैली में मुसलमानों से खासतौर पर अपील करते हुए कहा कि वे कांग्रेस को वोट न देकर सिर्फ गठबंधन को वोट दें ताकि भाजपा को सत्ता से बेदखल किया जा सके।चुनाव आयोग ने मायावती के भाषण का वीडियो देखने के बाद पाया कि आपत्तिजनक था, इसलिए दो दिन का बैन लगा दिया गया।
मायावती के भाषण के दो दिन बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ ने मेरठ के किठौर के गांव सिसौली में पहले चरण का चुनाव प्रचार बंद होने के तीन घंटे पहले ही चुनावी रैली को संबोधित किया था। इसमें योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि यदि सपा, बसपा आैर कांग्रेस के पास 'अली' हैं तो हमारे पास बजरंगबली हैं। इसके बाद रैली में जय श्रीराम आैर भारत माता की जय के नारे गूंजने लगे थे। चुनाव आयोग ने योगी के इस बयान को आपत्तिजनक पाया और तीन दिन के लिए चुनाव अभियान पर बैन लगा दिया।
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Published on:
15 Apr 2019 06:35 pm
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