27 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

मायावती ने अपने जन्मदिन पर दिया इस पूर्व मंत्री को ये रिटर्न गिफ्ट, इसके बाद झूमे लोग आैर दिलाया ये विश्वास

बसपा-सपाइयों ने काटा और एक-दूसरे को बधाइयां दी

2 min read
Google source verification
meerut

मायावती ने अपने जन्मदिन पर दिया इस पूर्व मंत्री को दिया ये रिटर्न गिफ्ट, इसके बाद झूमे लोग आैर दिलाया ये विश्वास

मेरठ। 15 जनवरी को मेरठ सहित पूरे उप्र में पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का जन्म दिन उनकी पार्टी बसपा और उनके समर्थकों ने धूमधाम के साथ मनाया। इस दौरान प्रदेश में कई स्थानों पर बड़े आयोजन किए गए। केक काटा गया। वहीं मेरठ में भी बसपा सुप्रीमो बहन मायावती के जन्म दिन के मौके पर बसपा-सपाइयों ने गठबंधन धर्म का फर्ज निभाते हुए केक काटा और एक-दूसरे को बधाइयां दी। इसी बीच याकूब कुरैशी को बसपा का मेरठ प्रभारी बनाया गया।

यह भी पढ़ेंः मायावती आैर अखिलेश के इन खास सिपाहियों ने इनका इलाज बांधने की दी चेतावनी, कहा- हम दोनों ही काफी

अपने समर्थकों के बीच याकूब कुरैशी ने जब यह घोषणा सुनी तो वे खुशी से झूम उठे। याकूब कुरैशी के मेरठ प्रभारी बनाए जाने की घोषणा पश्चिम उप्र प्रभारी शमसुद्दीन राइन ने की। बसपा सुप्रीमो मायावती से उनके जन्म दिन पर याकूब कुरैशी को मिले इस तोहफे के बारे में याकूब कुरैशी ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि वे बहन जी के इस तोहफे का पूरा मान रखेंगे। 2019 में मेरठ-हापुड़ लोकसभा से पूरी तरह से चुनाव जीतेंगे। बताते चलें कि 'पत्रिका' ने सर्वप्रथम ही इस बात का खुलासा कर दिया था कि मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट से बसपा के याकूब कुरैशी चुनाव लड़ेंगे और समाजवादी पार्टी गठबंधन का धर्म निभाते हुए उनको चुनाव लड़वाएगी। बताते चलें कि याकूब कुरैशी की गिनती मेरठ सहित पश्चिम उप्र ही नहीं देश भर में दबंग नेता के रूप में होती रही है।

यह भी पढ़ेंः सुमित गुर्जर मुठभेड़ कांड में आया नया मोड़, उसके साथी की वायरल वीडियो को देखें, पुलिस अफसरों ने दिए जांच के आदेश

मोहम्मद साहब के कार्टून बनाने के मुद्दे पर उन्होंने विवादित बयान दिया था। जिसके बाद वे देश और दुनिया में चर्चा में छा गए थे। वहीं दूसरी ओर जब वे प्रदेश सरकार में मंत्री थे उस दौरान भी उन्होंने चहन सिंह नामक एक पुलिसकर्मी को थप्पड़ जड़ दिया था। चहन सिंह का कसूर सिर्फ इतना था कि वह इमानदारी से अपनी ड्यूटी का रहा था। याकूब कुरैशी हमेशा से विवादों में रहने वाले नेताओं में से एक हैं। हालांकि उनका कोई पैत्रिक राजनैतिक इतिहास नहीं रहा है, लेकिन वे अपने रूपये और पैसे के बल पर ही आज राजनीति में यहां तक पहुंचे हैं।