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पहले कोरोना टेस्ट कराओ फिर मिलेगी वायरल बुखार की दवा

सरकारी अस्पताल में डेंगू या वायरल के मरीजों को बड़ी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। सरकारी सीएचसी या पीएचसी के अलावा जिला अस्पतला और मेडिकल में बिना कोरोना संक्रमण की जांच के डेंगू-वायरल के मरीजों का इलाज नहीं हो रहा।

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मेरठ

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Nitish Pandey

Oct 12, 2021

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मेरठ. उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में जिले में डेंगू और वायरल ने पिछले सभी रिकार्ड तोड़ दिए हैं। कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए बनाए गए कोविड वार्ड अब डेंगू और वायरल वार्ड में तब्दील हो चुके हैं। जिले के अधिकांश अस्पतालों में डेंगू और वायरल के मरीज भर्ती हैं। वहीं सरकारी अस्पताल और महानगर में स्थित सीएचसी-पीएचसी सेंटरों पर डेंगू और वायरल के मरीजों को बिना कोरोना संक्रमण की जांच के इलाज नहीं मिल रहा है। जिसके चलते मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

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राजेंद्र नगर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आए ऐसे कई मरीजों को वापस लौटना पड़ा। केंद्र प्रभारी महिला चिकित्सक ने इलाज से पहले सभी को पहले कोरोना जांच के लिए कहा। बुखार से तप रहे मरीजों को जब इलाज नहीं मिला तो उन्होंने निजी चिकित्सक के यहां शरण ली।

पिछले एक सप्ताह से जिले में प्रतिदिन दो दर्जन से अधिक मामले डेंगू के आ रहे हैं। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में डेंगू और वायरल के मरीजों का लोड अब बराबर हो गया है। शहरी क्षेत्र में मलियाना में सबसे डेंगू के मरीज मिल रहे हैं। वहीं दूसरी ओर कंकरखेड़ा का भी यही हाल है। दोनों इलाकों में करीब 150 मरीज मिल चुके हैं।

स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार जिले में अब तक 600 घरों में डेंगू का लार्वा मिला है।अब तक कुल 796 लोग डेंगू से पीड़ित हैं। इनमें से 450 ग्रामीण इलाके से हैं और शहरी क्षेत्र से अब तक 334 मरीज मिले हैं। यहीं हाल रहा तो डेंगू के मरीजों की संख्या एक हजार भी पार हो सकती है।

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