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सीआरपीएफ इंस्पेक्टर की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत, परिजनों ने शव हार्इवे पर रखकर लगाया जाम, देखें वीडियो

खास बातें मेरठ के सीआरपीएफ इंस्पेक्टर की जोधपुर में हुर्इ मृत्यु पुलिस ने समझा-बुझाकर परिजनों को वापस भेजा परिजनों ने वरिष्ठ अफसर पर लगाए गंभीर आरोप

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सीआरपीएफ इंस्पेक्टर की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत, परिजनों ने शव हार्इवे पर रखकर लगाया जाम, देखें वीडियो

मेरठ। मेरठ के सीआरपीएफ इंस्पेक्टर की जोधपुर में संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई। परिजनों के अनुसार वह काफी दिनों से मानसिक रूप से परेशान चल रहा था। उसकी मौत की जानकारी जैसे ही गांव में उसके परिजनों के बीच पहुंची तो मातम छा गया। ग्रामीणों ने शव को हार्इवे पर परतापुर थाने के सामने रखकर दिल्ली रोड पर जाम लगा दिया। इस दौरान लोगों की पुलिस से नोकझोंक भी हुई। परिजनों और पुलिस ने गुस्साए लोगों को समझा-बुझाकर जाम खुलवा दिया। परिजनों ने बताया कि जब उन्होंने शव देखा तो उस पर चोट के निशान थे। उन्होंने इस बाबत शव लेकर आए जवानों से पूछताछ तो वे उन्हें संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। परिजनों का कहना है कि वे सीआरपीएफ के अधिकारियों से मिलेंगे। एसओ परतापुर सुभाष अत्री का कहना है कि परिजन हत्या का आरोप लगा रहे हैं। उनको समझा दिया गया है। इसके बाद सभी लौट गए।

परिजनों ने डीआर्इजी पर लगाए आरोप

मेरठ के रिठानी गांव निवासी संदीप 2013 में सीआरपीएफ में सब-इंस्पेक्टर के पद पर भर्ती हुए थे। हाल ही में उनकी पदोन्नति हुई थी। इससे पहले वह दिल्ली पुलिस में सिपाही थे। 2010 से 2013 तक वहां नौकरी की। उनकी शादी बागपत निवासी रविता से हुई थी। उनके दो बच्चे हैं। उनका बड़ा भाई दिनेश गिरि नौसेना में हैं। छोटे भाई की मौत की खबर सुनते ही वह देर शाम गांव पहुंचे। इंस्पेक्टर का पार्थिव शरीर मेरठ लाया गया। जहां उसके गांव में अंतिम संस्कार की तैयारी चल रही है। संदीप गिरि जोधपुर में सीआरपीएफ में इंस्पेक्टर के पद पर तैनात थे। परिजनों ने आरोप लगाए है कि संदीप को उनके डीआईजी ने प्रताड़ित किया। जिसके चलते वह काफी परेशान चल रहा था। मृत्यु होने से पहले संदीप ने अपने घर फोन पर बात की थी।

छुट्टी नहीं देने का लगाया आरोप

जिसमें उसने परिजनों से मानसिक रूप से परेशानी का जिक्र किया था। संदीप ने परिजनों को बताया था कि उसका अधिकारी उसको बहुत परेशान करता है। जिसके चलते वह तनाव में है। मृतक संदीप के परिजनों का कहना है कि उसकी हत्या की गई है। उसने आत्महत्या नहीं की है। परिजनों ने कहा कि संदीप का अधिकारी उसको छुट्टी नहीं देता था। उससे अतिरिक्त काम करवाता था। जिसके चलते वह परेशान था। गांववासियों का कहना है कि संदीप बहुत मिलनसार युवक था। वह आत्महत्या नहीं कर सकता।