
मेरठ. मेरठ के परतापुर में बुधवार को दिनदहाड़े बेरहमी से मां-बेटे के कत्ल के बाद अन्य मामलों में जिन लोगों की गवाही होनी हैं, वह भी दहशत में हैं। एसएसपी कार्यालय में गुरुवार को दिन भर ऐसे लोगों की भीड़ लगी रही, जो कत्ल या अन्य किसी मामले में गवाह हैं। इनमें से अधिकांश गवाह देहात क्षेत्र से आए थे। इस दौरान एसएसपी कार्यालय आए सभी गवाहों ने सुरक्षा की मांग की। अधिकांश के प्रार्थना पत्र लेकर रख लिए गए और कुछ को संबंधित थाने में भेज दिया गया।
दरअसल, बुधवार के डबल मर्डर के बाद शहर से लेकर देहात तक लोग दहशत में हैं। कप्तान के कार्यालय पहुंचे एक दिव्यांग गवाह ने आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए अपने लिए एसएसपी से सुरक्षा की मांग की। कप्तान के कार्यालय पहुंची राधना निवासी महिला आमिना ने बताया कि गांव में चुनावी रंजिश के कारण हारे हुए प्रत्याशी उमर अली और उसके पुत्रों ने अन्य लोगों के साथ 26 जनवरी 2016 को उसके परिवार पर उस समय गोलियां बरसा दी थी, जब वे अपने रिश्तेदार के यहां से लौट रहे थे। हमले में उसका पोता फरहीम, जावेद, जाहिद और कासिफ को गोली लगी थी। इस कारण कारण फरहीम की एक टांग काटनी पड़ी थी। पीड़िता ने आरोप लगाते हुए कहा कि थाना पुलिस ने अभी तक एक भी हमलावर को नहीं पकड़ा है, जबकि हमलावर गांव में खुलेआम घूम रहे हैं।
कुछ दिन पहले हमलावरों ने फोन कर मामले में गवाही देने पर जान से मारने की धमकी दी थी। हमलावर अक्सर गांव में आते-जाते उसके पोते को रोककर समझौते का दबाव बनाते हैं। इसके चलते उसके विकलांग पोते ने स्कूल जाना बंद कर दिया है। बीती 6 दिसंबर और 12 जनवरी को आरोपियों ने उसके घर पर हमला भी किया था। पीड़िता ने बताया कि मुकदमा अब अंतिम स्टेज में हैं। उसके पोते की गवाही होनी है। इसी के चलते हमलावर उसके परिजनों पर गवाही न देने का दबाव बना रहे हैं। इस मामले में एसएसपी मंजिल सैनी ने थाना पुलिस को हर संभव सुरक्षा मुहैया कराने के आदेश दिए हैं।
Published on:
26 Jan 2018 04:10 pm
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