
इस महत्वपूर्ण सीट पर भाजपा नहीं निकाल पा रही गठबंधन के इस समीकरण का तोड़
मेरठ। इस बार भाजपा हार्इकमान ने वेस्ट यूपी पर अपनी खास नजर रखी है, यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आैर योगी आदित्यनाथ वेस्ट यूपी के कर्इ जनपदों का दौरा बार-बार कर रहे हैं। योगी आदित्यनाथ सप्ताह में दो बार मेरठ आ गए हैं आैर उन्होंने लोगों से वे बातें की, जो सपा-बसपा गठबंधन पर सीधे प्रहार करने वाली हैं। गठबंधन की मजबूती भी भाजपा हार्इकमान समझ रहा है, इसलिए मेरठ-हापुड़ लोक सभा सीट पर गठबंधन के वोट बैंक पर इससे फर्क नहीं पड़ने से भाजपा खेमे में बेचैनी है।
मुस्लिम आैर दलितों का गठजोड़
मेरठ-हाुपड़ लोक सभा सीट पर भाजपा से राजेंद्र अग्रवाल आैर गठबंधन के उम्मीदवार याकूब कुरैशी हैं। कांग्रेस से हरेंद्र अग्रवाल को टिकट दिया गया है। सीधी टक्कर भाजपा आैर गठबंधन में मानी जा रही है। इसकी सबसे बड़ी वजह है मुस्लिम-दलितों का गठजोड़। मेरठ-हापुड़ लोक सभा सीट के अंतर्गत यहां साढ़े पांच लाख मुस्लिम आैर ढार्इ लाख दलित वोटर हैं। इन दोनों के गठजोड़ से भाजपा उम्मीदवार को परेशानी है। राजेंद्र अग्रवाल पिछले दो बार से इस सीट पर सांसद बने हैं। इसके बावजूद इस बार उनकी जीत में गठबंधन मजबूत दीवार बनकर खड़ा हुआ है।
मेयर चुनाव के रिप्ले की तैयारी
सपा-बसपा गठबंधन की इस चुनाव में जितनी मजबूती दिख रही है, इसके पीछे पिछले नगर निगम के मेयर चुनाव में देखने को मिला था। बसपा के पूर्व विधायक योगेश वर्मा की पत्नी सुनीता वर्मा ने भाजपा की मजबूत उम्मीदवार कांता कर्दम को मुस्लिम-दलित समीकरण के चलते ही पराजित किया था, जबकि भाजपा ने इस चुनाव में अपनी पूरी ताकत झाेंक दी थी। सपा-बसपा गठबंधन बनने के बाद बसपा सुप्रीमो ने मुस्लिम-दलित गठजोड़ को ही ध्यान में रखते हुए यहां से अपना उम्मीदवार याकूब कुरैशी उतारा।
हर दांव खेल रही भाजपा
भाजपा की आेर से मेरठ-हापुड़ लोक सभा सीट पर अपना हर दांव खेलकर सपा-बसपा गठबंधन को पराजित करने की कोशिश है। यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आैर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहां अपनी सभाआें में एेसे मुद्दों पर बोले, जिससे मुस्लिम-दलित वोट बैंक पर सेंध लगे आैर भाजपा को फायदा मिले।
Published on:
05 Apr 2019 12:23 pm
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