
योगी के मंत्री का असरः दरोगा को पीटने वाले भाजपा पार्षद पर लगे मुकदमे से यह धारा हटायी पुलिस ने
मेरठ। योगी सरकार के मंत्री का ही असर है कि दरोगा आैर पार्षद विवाद में रोजाना नए-नए खुलासे हो रहे हैं। पहले दरोगा व महिला की आेर से पार्षद पर मुकदमे आैर पार्षद की आेर से तहरीर के बाद इसमें लगी धाराआें पर योगी सरकार के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह को बीच में आना पड़ा। मेरठ के इस प्रभारी मंत्री का ही असर है कि पुलिस को उल्टे पैर लौटना पड़ रहा है। पुलिस अफसर अपनी ही की हुर्इ कार्रवार्इ को अंडरलाइन कर रहे हैं। प्रभारी मंत्री के गुस्से से डरे हुए पुलिस अफसर अब निष्पक्षता की बात कर रहे हैं, जबकि पिटने वाला दरोगा विभाग का ही है। दरोगा सुखपाल पंवार व महिला के खिलाफ भाजपा पार्षद की तहरीर पर मुकदमा दर्ज करने के निर्देश पहले ही हो चुके हैं। अब योगी सरकार के इस मंत्री के गुस्से का एक आैर नमूना सामने आया है कि पुलिस ने विवेचना में पार्षद के खिलाफ किए मुकदमे से डकैती की धारा हटा दी है आैर केस डायरी कोर्ट में पेश कर दी। दरोगा से मारपीट मामले में 12 वीडियो वायरल हुए थे। उसके बाद ही पुलिस अफसरों ने मुकदमे व अन्य कार्रवार्इ की थी।
दशहरे की रात का है यह मामला
दशहरे के दिन हाइवे बार्इपास के रेस्टोरेंट ब्लैक पेपर में दरोगा व महिला से भाजपा पार्षद ने मारपीट की थी, तब दरोगा व महिला ने पार्षद के खिलाफ मुकदमे में मारपीट आैर डकैती की धारा में अलग-अलग मुकदमे दर्ज कराए थे। पुलिस ने अब इस धारा को हटा दिया। दोनों पक्षों की आेर से तर्क प्रस्तुत किए गए। माना जा रहा है अब जेल में बंद भाजपा पार्षद जमानत अर्जी पेश करने की तैयारी कर रहा है। एसएसपी अखिलेश कुमार ने मेरठ के प्रभारी मंत्री को आश्वस्त किया है कि इस मामले में निष्पक्षता बरती जाएगी आैर सही दिशा में जांच की जाएगी।
Updated on:
01 Nov 2018 02:20 pm
Published on:
01 Nov 2018 02:19 pm
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