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अयोध्या पर फैसला आने से पहले प्रदेश में लागू होगा मेरठ मॉडल, जानिए क्यों, देखें वीडियो

Highlights गृह मंत्रालय और डीजीपी ने सराही मेरठ पुलिस की पहल फैसला आने से पहले धर्म गुरूओं के साथ कर रहे बैठक शासन के निर्देश पर तैयार हो रही धर्म गुरूओं की सूची  

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मेरठ। अयोध्या प्रकरण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर देश-दुनिया की निगाहें लगी हुई है। गृह मंत्रालय को आईबी द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश को सबसे संवेदनशील श्रेणी में रखा गया है। वहीं प्रदेश के कुछ जिलों को भी अतिसंवेदनशील घोषित किया गया है। जिसमें मेरठ, मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद, बरेली, लखनऊ, आजमगढ़, रामपुर, सहारनपुर, बुलंदशहर समेत करीब 28 जनपद हैं। इन जिलों में विशेष रूप से एहतियात बरतने के आदेश दिए गए हैं।

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इसी के मद्देनजर एसएसपी मेरठ अजय साहनी ने सभी धर्मों के धर्मगुरूओं की बैठक बुलाकर उनसे राम जन्मभूमि पर आने वाले फैसले का स्वागत करने और किसी भी तरह की प्रतिक्रिया देने के लिए मना किया है। धर्मगुरूओं ने एसएसपी की सलाह मानते हुए पुलिस प्रशासन से यह वादा किया कि वे जन्मभूमि पर आने वाले हर फैसले का स्वागत करेंगे। ऐसी कोई भी प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं करेंगे, जिससे मेरठ के साथ ही प्रदेश का माहौल खराब हो। एसएसपी मेरठ ने धर्मगुरूओं की सराहना करते हुए कहा कि मेरठ में यह एक अच्छी पहल की गई है। इसकी पूरी रिपोर्ट शासन स्तर पर भेजी गई थी। जिस पर डीजीपी ने संज्ञान लिया और इसको केंद्र सरकार को भेजा गया।

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मेरठ मॉडल की सराहना केंद्र स्तर पर भी की गई। इसके बाद इसको पूरे सूबे सहित देश में भी लागू करने की बात कही गई है। एसएसपी अजय साहनी ने बताया अयोध्या फैसले के मद्देनजर धार्मिक गुरूओं से अलग-अलग वार्ता की जा रही है। सभी धर्म के गुरूओं ने इस बात पर सहमति व्यक्ति की है कि सर्वोच्च न्यायालय का जो भी निर्णय आएगा। उस पर उनकी सहमति होगी। वे सभी उसका सम्मान करेंगे। उन्होंने बताया कि इसके मद्देनजर जिले के सभी कारी, इमाम, मौलवी और मस्जिदों के मुतव्वलियों को शामिल किया गया। उनके वार्ता की गई है। उन्होंने कहा कि फैसले से पहले जिले का माहौल बेहतर बनाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।