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यहां नहीं चलता जेडीए का जोर; 1 साल में घिरी सरकारी जमीन, पर नहीं हटे अतिक्रमण

कई मामलों पर स्थानीय कॉलोनीवासी कई बार शिकायत कर चुके हैं। अब जेडीए अधिकारी शिकायतकर्ताओं को कोई जवाब भी नहीं दे रहे है..

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मेरठ

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vijay ram

Sep 30, 2016

जयपुर .
राजधानी में मेट्रो परियोजना को 'जहां चाह वहां राह' दिलाने और सड़कों के चौड़ीकरण हेतु डंके की चोट पर मूर्त-मंदिरों तक को हटाने वाली जयपुर डवलपमेंट अथॉरिटी (जेडीए) शहर में कुछ अतिक्रमण के मामलों बिल्कुल सुन्न नजर आती है।


रसूखदार सरकारी जमीन पर अपना आधिपत्य जमाए बैठे हैं, लेकिन अतिक्रमण ध्वस्त करने वाली टीमें रोक नहीं सकीं। अजमेर रोड पर सुशीलपुरा पुलिया के पास सड़क सीमा में बने निर्माण को जेडीए एक साल बाद भी नहीं हटा पाया।


अतिक्रमियों को शह देने वाले अधिकारियों ने अब मामले की शिकायत करने वाले लोगों से बात करना ही बंद कर दिया है। यही कारण है कि पुलिया पर वाहनों की कतार लंबी होती जा रही है, लेकिन सरकारी जमीन पर खड़े निर्माण पर किसी का ध्यान नहीं है।


पुलिया के पास श्मशान की ओर बने इन निर्माण को लेकर गत वर्ष शिकायत की गई थी। पड़ताल में सामने आया कि वहां बने ज्यादातर निर्माण सरकारी जमीन पर हैं। जेडीए ने कार्रवाई का प्लान भी बनाया, लेकिन यह प्लान कभी धरातल तक नहीं पहुंचा।


यातायात जाम की स्थिति को देखते हुए जुलाई 2015 में वहां सड़क की चौड़ाई बढ़ाने का काम शुरू हुआ। अवैध निर्माण के कारण यह काम ज्यादा दिन नहीं चल सका। वहां करीब डेढ़ दर्जन दुकानें ऐसी हैं, जो सरकारी जमीन पर है।


कई मामलों पर स्थानीय कॉलोनीवासी कई बार शिकायत कर चुके हैं। अब जेडीए अधिकारी शिकायतकर्ताओं को कोई जवाब भी नहीं दे रहे है।

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