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मेरठ के सलावा गांव में हिंदू-मुस्लिम झगड़े के बाद गरजा बुलडोजर, राजनीति में गर्मी, सपा विधायक ने उठाए सवाल

Meerut News: मेरठ के सलावा गांव में हिंदू-मुस्लिम संघर्ष के बाद प्रशासन ने बुलडोजर से अवैध मकानों का ध्वस्तीकरण किया। भाजपा नेता संगीत सोम ने कार्रवाई का समर्थन किया, वहीं सपा विधायक अतुल प्रधान ने इसे एकपक्षीय कार्रवाई करार देते हुए उच्च स्तरीय न्यायिक जांच की मांग की।

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मेरठ

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Mohd Danish

Sep 19, 2025

meerut salawa hindu muslim conflict bulldozer action political reactions

सलावा गांव में गरजा बुलडोजर | Image Source - 'X' @hindipatrakar

Meerut salawa hindu muslim conflict bulldozer action: मेरठ के सरधना क्षेत्र के सलावा गांव में मंगलवार को एक मामूली कहासुनी ने खूनी संघर्ष का रूप ले लिया। गांव में दो पक्षों के बीच पथराव और धारदार हथियारों से हमला हुआ। पीड़ित पक्ष के करीब 15 लोग घायल हुए, जिन्हें प्राथमिक इलाज के लिए सीएचसी और निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया। घटना के बाद गांव में तनावपूर्ण माहौल बन गया और सुरक्षा के मद्देनजर भारी फोर्स तैनात कर दी गई।

अवैध निर्माण पर बुलडोजर की कार्रवाई

घटना के बाद पुलिस और प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई शुरू की। सरकारी नाले पर बनाए गए दो मकानों को अवैध बताते हुए एसडीएम उदित नारायण सेंगर और सीओ आशुतोष कुमार ने बुलडोजर से ध्वस्तीकरण कराया। अधिकारियों का दावा है कि पहले नोटिस दिए जाने के बाद भी निर्माण को हटाया नहीं गया था। इस कार्रवाई के दौरान भारी पुलिस फोर्स मौजूद रही और ग्रामीणों से शांति बनाए रखने की अपील की गई।

संगीत सोम ने किया समर्थन

पूर्व विधायक और भाजपा नेता संगीत सोम ने इस बुलडोजर कार्रवाई का समर्थन किया। उन्होंने फेसबुक पर वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा कि सलावा गांव में दंगाइयों को पनपने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि दंगाइयों को उचित मात्रा में बुलडोजर “डोज” उपलब्ध कराई जा चुकी है।

सपा विधायक ने उठाए सवाल

वहीं, समाजवादी पार्टी के विधायक अतुल प्रधान ने इस कार्रवाई पर सवाल उठाए। उन्होंने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि जिस पक्ष के मकानों को ध्वस्त किया गया, उन्हें सरकारी संपत्ति बताकर तोड़ा गया, जबकि संविधान सबको कानूनी समानता देता है। उन्होंने प्रकरण की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच की मांग की।

एकपक्षीय कार्रवाई का आरोप

सलावा गांव के कुछ लोगों ने प्रशासन पर एकपक्षीय कार्रवाई का आरोप लगाया। उन्होंने एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर निष्पक्ष जांच की मांग की। ज्ञापन में कहा गया कि संघर्ष में दोनों पक्षों के लोग घायल हुए हैं, लेकिन पुलिस ने केवल एक ही पक्ष के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया और उन्हें जेल भेजा। बुलडोजर कार्रवाई पर भी सवाल उठाए गए।

जानें पूरा मामला

घटना की शुरुआत मंगलवार रात करीब 9 बजे हुई। राहुल, सोनित और प्रिंस गली में टहल रहे थे, तभी आरिफ की डेयरी के सामने तीनों की कहासुनी हुई। इसके बाद दोनों पक्षों में पथराव और धारदार हथियारों से हमला हुआ। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी आरिफ, सत्तार, अबरार, नाजिम, फुरकान, उस्मान, सलमान रिहान सहित आठ लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा दिया।

प्रशासन की जांच और कार्रवाई

डीएम और एसएसपी ने गांव का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया और पीड़ित परिवार से बातचीत की। राजस्व विभाग ने मौके पर जाकर जांच की और नाप-जोख के बाद अवैध कब्जा पाया। इसके बाद एसडीएम और सीओ फोर्स बुलडोजर लेकर मौके पर पहुंचे और मकानों का ध्वस्तीकरण कराया। प्रशासन ने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई सिर्फ अवैध कब्जे के खिलाफ है और किसी भी पक्ष के साथ भेदभाव नहीं किया गया।