
चुनावी घोषणा पर मुख्यमंत्री बनने के दस मिनट बाद मुलायम सिंह यादव ने किया था अमल
Mulayam Singh Yadav election Rally in Meerut प्रदेश के इतिहास में 90 का दशक काफी राजनैतिक उथल पुथल वाला माना जाएगा। एक ओर जहां अयोध्या को लेकर मुलायम सिंह यादव की सरकार कटटरपंथियों के निशाने पर रही, तो वहीं दूसरी ओर उन्होंने मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए कुछ सराहनीय काम भी करें। धरती पुत्र मुलायम सिंह यादव के करीबी रहे गोपाल अग्रवाल बताते हैं, वर्ष 90 के दौर में आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3/7 का बहुत दुरूपयोग किया जा रहा था। इसके तहत किसी भी व्यापारी को कालाबाजारी या स्टाक अधिक रखने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया जाता था। व्यापारियों को कई—कई दिन तक थाने में प्रताड़ित किया जाता था। मेरठ के व्यापारियों का एक प्रतिनिधिमंडल इस संबंध में मुलायम सिंह यादव से मिला था। व्यापारियों के इस प्रतिनिधिमंडल ने अपनी व्यथा मुलायम सिंह यादव के सामने रखी थी।
सन 1993 में मेरठ में समाजवादी पार्टी की एक चुनावी सभा को मुलायम सिंह यादव ने संबोधित किया था। जिसमें मुलायम सिंह यादव ने कहा था कि अगर वो मुख्यमंत्री बनते हैं तो सबसे पहला काम प्रदेश से आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3/7 को समाप्त करेंगे। पूर्व सपा नेता गोपाल अग्रवाल बताते हैं कि इस दौरान उनकी नेता जी मुलायम सिंह यादव से तकरार भी हो गई थी। गोपाल अग्रवाल ने कहा कि वो इस घोषणा को लिखवाकर लेना चाहते थे। लेकिन मुलायम सिंह यादव लिखकर देने को तैयार नहीं थी।
अंत में जब मुलायम सिंह यादव विधानसभा चुनाव में बंपर वोटो से जीते और प्रदेश में सपा की सरकार बन गई। मुलायम सिंह यादव ने मुख्यमंत्री बनते ही सबसे पहला प्रदेश से आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3/7 को दस मिनट के भीतर खत्म कर दिया था। वरिष्ठ नेता गोपाल अग्रवाल बताते हैं कि मुलायम सिंह यादव हर चीज को जोड़कर देखा करते थे। मुलायम सिंह यादव जिस समय देश के रक्षामंत्री थे उस दौरान वो मेरठ में औघडनाथ मंदिर में आए थे और वहां पर पूजा अर्चना की थी।
Published on:
10 Oct 2022 03:26 pm
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