
मेरठ। मेरठ के भैंसाली मैदान में दशहरे (Dussehra) पर दहन होने वाला रावण इस बार कुछ अलग ही अंदाज में होगा। इस बार रावण (Ravan) की ऊंचाई 80 फीट होगी और उसकी आंखें चारों ओर घूमेगी। इतना ही नहीं रावण युद्ध के मैदान में रथ पर चलकर पहुंचेगा। उसके हाथ में चकरी भी घूमती मिलेगी। इस रावण को तैयार किया है मेरठ के असलम ने। जो करीब 15 साल से रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतलों (Effigies) को बना रहे हैं। वह कहते हैं कि उन्हें हिन्दू-मुस्लिम (Hindu Muslim) से कोई मतलब नहीं। वे तो बच्चों की खुशी और अपने परिवार का पेट पालने के लिए पुतले बनाने का काम करते हैं।
मेरठ की सदर बाजार स्थित भैंसाली मैदान में होने वाली रामलीला में सैकड़ों साल पुरानी है। इस रामलीला में पुतला बनाने वाले मुस्लिम लोग हैं। पुतला बनाने वाले असलम कहते हैं कि उनका परिवार पीढ़ी दर पीढ़ी पुतले बनाता आ रहा है। रामलीला मैदान में तीनों पुतले बनाने का काम चल रहा है। आठ अक्टूबर को दशहरे के दिन रावण दहन हो जाएगा। भैंसाली मैदान की रामलीला जिले ही नहीं पूरे पश्चिम उप्र में सबसे पुरानी रामलीलाओं में एक मानी जाती है। जिसमें शुरुआत से ही मुस्लिम परिवार रावण का पुतला बनाता आ रहा है। जब ये रामलीला की शुरूआत हुई तब से ही मुस्लिम परिवार रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण का पुतला बनाता है।
असलम ने बताया कि उनके परिवार की पिछली तीन पीढिय़ां रावण का पुतला बना चुकी हैं। पहले उनके पुरखे पुतले बनाते थे तो बचपन में वे भी उनके साथ आते थे। उससे पहले उनके पिता भी दादा के साथ पुतले बनाते थे। आगे भी वे इस काम को करते रहना चाहते हैं। उनका कहना है कि पुतला बनाने का काम चल रहा है। रावण दहन से एक महीने पहले काम शुरू होता है और रावण दहन से करीब एक दिन पहले पूरा हो जाता है। उन्होंने बताया कि इस बार 80 फीट ऊंचा रावण बनाया गया है। वहीं कुंभकर्ण का 70 फीट और मेघनाद का पुतला 60 फीट का पुतला होगा।
Published on:
07 Oct 2019 03:10 pm
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