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मुस्लिम धार्मिक नेताओं ने मोहर्रम मजलिस में बढ़ते आतंकवाद पर जताई चिंता, अनुच्छेद 370 पर कही बड़ी बात

खास बातें मेरठ के जैदी फार्म के शाह विलायत में शुरू हुई मोहर्रम मजलिस शहर के विभिन्न स्थानों पर दस दिन तक जुलूस-ए-मुहर्रम के कार्यक्रम    

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मेरठ। चांद नजर आने के बाद सोमवार से मुहर्रम शुरू हो गया। मुहर्रम से शहर के सभी इमामबाड़ों एवं अजाखानों में कर्बला की याद में मजलिसों का दौर प्रारंभ हो गया। मेरठ में इमामबाड़ा वक्फ मनसबिया घंटाघर, छोटी कर्बला चैड़ा कुआं, इमामबाड़ा जाहिदियान सहित शहर के सभी इमामबारगाह व अजाखानों में आयोजित मजलिसों में कर्बला का वाकया बयान किया।

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मुहर्रम कमेटी के प्रभारी अली हैदर रिजवी ने बताया कि पूर्व की भांति शहर क्षेत्र के विभिन्न स्थानों से आगामी दस दिन तक जुलूस ए मुहर्रम के कार्यक्रमों का समय निर्धारित कर दिया है। इस दौरान बरेली से आए शियाओं के बड़े वक्ता आली हजरत रिजवी ने मजलिस में मौजूद श्रोताओं से देश और विश्व में बढ़ते आतंकवाद के प्रति चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि वर्तमान में आतंकवाद के सामाजिक-राजनैतिक कारण हैं। अतः आतंकवाद को पूरी तरह से समाप्त करने के लिए इससे प्रभावित देशों को इसके प्रति सख्त, अप्रिय, लंबे समय तक किए जाने वाले उपायों की जरूरत है। अन्यथा आने वाले समय में दुनिया में हजारों निर्दोष व्यक्ति की मौत का कारण ये आतंकवाद बनेगा।

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उन्होंने कहा कि इस विचारधारा को रोकने, इसे बढ़ावा देने वाले तत्वों और संगठनों की पहचान करके इसे तंत्रों को ध्वस्त करने के लिए सभी देशों और एजेंसियों को एक मिलीजुली रणनीति अपनाकर आगे आना होगा। आतंकवाद की पीड़ा झेलने वाले विभिन्न देशों द्वारा किए गए आतंकवाद रोधी उपायों के तौर पर लगभग सैकड़ों आतंकरोधी अभियान चलाए गए। ऐसे अवैध तत्वों के खिलाफ कई कार्रवाई की गई। फिर भी एक बेहतर रणनीतिक परिणाम की कमी के कारण राज्यों और सुरक्षा तंत्रों द्वारा उक्त समस्या का समाधान करना अभी बाकी है। उन्होंने कहा कि हम कश्मीर में अनुच्छेद 370 की समाप्ति का समर्थन करते हैं। इससे वहां की आवाम को लाभ मिलेगा और रोजगार मिलेगा।