
मेरठ। कोतवाली क्षेत्र में आयोजित की गई विचार गोष्ठी में मौलाना मशकूर ने कहा कि दिल्ली में हुए दंगे राजनैतिक विद्वेष भावना से फैले हैं। आज मुल्क में दो भाइयों जिनमें एक हिन्दू है और दूसरा मुस्लिम, इन्हें आपस में लड़ाने का काम किया जा रहा है, जबकि ये दोनों ही अमन पसंद है। सरकारें कांग्रेस की हो या भाजपा की, दोनों में ही दोनों भाई अमनपरस्ती में जीते आए हैं। आज दोनों को सरकार के कुछ निर्णयों का हवाला देते हुए लड़वाने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में जो हो रहा है वह मुल्क और उसमें रहने वाली जनता के लिए हो रहा है। वह चाहे हिन्दू हो या फिर मुस्लिम। देश में कोई भी सरकार आए वह नहीं चाहेगी कि देश में दो भाई आपस में लड़ें।
अफगानिस्तान से आए मौलाना ग्वाते अहमद ने कहा कि खुसीसी, बंदों की भलाई और अलग-अलग स्थितियों के लिए पैगाम हैं। इसके लिए उस समय और जरूरतों को जिसमें ये पैगाम दिए गए तथा आज की घटनाओं की नजर में धार्मिक ग्रंथों को समझने की जरूरत है। ताकि उनमें छिपे मतलबों को जाना जा सके और देश की परिस्थिति के हिसाब से उसको अमल में लाया जा सके। इससे हम परंपरागत मजहब, साइंस और न्याय शास्त्र से बहुत आगे बढ़ सकते हैं।
उन्होंने कहा कि धार्मिक ग्रंथों को समय-काल और हालात के हिसाब से देखा परखा है। इसलिए ही राजा उमर ने परिस्थिति की आवश्यक्ता को समझ कर अकाल के दौरान चोरियों के लिए कठोर सजा को बंद कर दिया था। उन्होंने कहा कि वर्तमान में जो दौर चल रहा है उसमें धैर्य की जरूरत है। देश में अमन के दुश्मन हजार हैं और अमन को चाहने वाले सिर्फ दो भाई है। एक है हिंदू और दूसरा मुस्लिम। इसलिए दोनों भाइयों को आपस में प्यार और सौहार्द से भाईचारा बनाकर रहना चाहिए।
Published on:
05 Mar 2020 10:22 am
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