
मेरठ। शब-ए-बारात के मौके पर प्रमुख मुस्लिम संगठनों और धर्मगुरुओं ने कोरोना वायरस की महामारी के मद्देनजर अपने समुदाय के लोगों से घर पर ही रहने की अपील की है। जिले के धर्मगुरुओं ने अपील की है कि लोग बुधवार रात शब-ए-बारात के मौके पर दुआ के लिए कब्रिस्तान नहीं जाएं और घर पर रहकर ही इबादत और दुआ करें। शहर काजी जैनुसाजिद्दीन ने कहा कि इस समय कोरोना महामारी फैली हुई है। ऐसे में यह समय घर पर ही रहकर इबादत और नमाज पढऩे का है। इस समय दुआ के लिए घर से अच्छी जगह कोई और नहीं हो सकती है।
बता दें कि इस बार शब-ए-बारात 8-9 अप्रैल की रात है। इस्लामी कैलेंडर में इस रात को पवित्र माना जाता है। इस मौके पर लोग मस्जिदों में इबादत करते हैं और अपने दिवंगत परिजन और रिश्तेदारों के लिए दुआ मांगने कब्रिस्तान जाते हैं। शहर कारी शफीकुर्रहमान की तरफ से भी यही अपील जारी की गई है। कई दूसरे संगठनों ने भी अपील का समर्थन किया है। शफीकुर्रहमान ने एक बयान में कहा कि कोरोना वायरस महामारी का रूप ले चुका है और भारत में काफी लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं। इसको देखते हुए मस्जिदों में रोजाना और जुमे की नमाज बंद हो गई है।
उन्होंने कहा कि हम सभी मुसलमानों से अपील करते हैं कि वे शब-ए-बारात पर घर पर ही रहकर इबादत करें। वे दुआ के लिए कब्रिस्तान नहीं जाएं और घर पर रहकर ही दुआ करें।उन्होंने कहा कि 9 अप्रैल को शब-ए-बरात के दौरान कोई भी मस्जिद में जाकर सामूहिक प्रार्थना न करे। साथ ही पूरे प्रदेश में लोगों के दरगाह या कब्रिस्तान जाने का कार्यक्रम भी रद्द रहेगा। इस दौरान पुलिस और प्रशासन ने भी लोगों से अपील की है कि वे घरों पर ही रहकर पर्व को मनाएं। अगर कोई कानून तोड़ता है या प्रशासन का कहना नहीं मानता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
Published on:
08 Apr 2020 01:35 pm
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