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Muslim making Kanwar in Meerut: सावन में मुस्लिम ऐसे पेश कर रहे हैं भोले के चरणों में अकी़दत, मस्जिद में बन रही कांवड़

Muslim youths making kanwar एक तरफ जहां देश में धार्मिक स्थलों को लेकर कोर्ट कचहरी में हिंदू मुस्लिम के बीच विवाद चल रहा है। वहीं दूसरी ओर मेरठ में कांवड़ यात्रा के दौरान हिंदू—मुस्लिम एकता की गंगा जमुनी मिसाल एक मस्जिद में कायम हो रही है। मेरठ सदर स्थित इस मस्जिद परिसर में मुस्लिम समुदाय के युवक भोले के चरणों में अकीदत पेश करने के लिए कांवड़ बना रहे हैं।

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मेरठ

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Kamta Tripathi

Jul 16, 2022

Kanwar Yatra 2022 : सावन में मुस्लिम ऐसे पेश कर रहे हैं भोले के चरणों में अकी़दत, मस्जिद में बन रही कांवड़

Kanwar Yatra 2022 : सावन में मुस्लिम ऐसे पेश कर रहे हैं भोले के चरणों में अकी़दत, मस्जिद में बन रही कांवड़

Muslim youths making kanwar मेरठ में मुस्लिम समुदाय के युवकों के हाथ की बनी कांवड़ को हिंदू समुदाय के शिवभक्त हरिद्वार से गंगाजल भरकर शिवालयों में भगवान शिव को अर्पित करेंगे। मेरठ में मुस्लिम समुदाय के युवक पिछले दस साल से एक अनोखी मिसाल पेश करते आ रहे हैं। मेरठ के सदर स्थित एक मस्जिद परिसर में शिवभक्तों के लिए कांवड़ तैयार की जाती है। खास बात ये कि इन कांवड़ों को मुस्लिम समुदाय के युवक पूरी शिद्दत के साथ तैयार करते हैं। सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश करते ये मुस्लिम समुदाय के युवक कांवड़ तैयार करते हुए जब दिन में नमाज का समय होता है तो नमाज पढ़कर फिर से कांवड़ बनाने में जुट जाते हैं। मुस्लिम युवकों द्वारा मस्जिद परिसर में बनाई गई कांवड़ में हिंदू कांवड़िए हरिद्वार से जल लाकर मंदिर में अर्पित करते हैं। यानी मस्जिद में बनी कांवड़ से गंगाजल लाकर मंदिर में शिव पर जलार्पण किया जाता है।


मजहबी एकता हर दिल को छूने वाली
सदर स्थित मस्जिद परिसर में कांवड़ बनाने वाले अशरफ कहते हैं कि वो पिछले 10 साल से कांवड़ बनाते आ रहे हैं। उनके पास सिर्फ मेरठ ही नहीं बल्कि दिल्ली और हरिद्वार तक से कांवड़ बनवाने के आर्डर आते हैं। उनका कहना है कि कांवड़ बनाने में मदद के लिए हिंदू युवक जो कि आसपास रहते हैं वो भी आते हैं। मस्जिद के भीतर ही हिंदू और मुस्लिम युवक दोनों मिलकर कांवड़ का निर्माण करते हैं। अशरफ का कहना है कि वो हर तरह की कांवड़ बनाने के माहिर हैं। इस बार कुछ लोगों ने बुलडोजर कांवड़ बनवाने के आर्डर दिए हैं। जिसको वो तैयार कर रहे हैं। अशरफ का कहना है कि इस बार बुलड़ोजर कांवड़ की अधिक डिमांड है। इस कांवड़ की ऊचाई 15 फीट और इसकी लंबाई सात फीट है।

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ज्ञानवापी की चर्चा के बीच बनाते हैं कांवड़
अशरफ बताते हैं कि इस समय ज्ञानवापी का मामला कोर्ट में चल रहा है। वो ज्ञानवापी मामले पर नजर रखे हुए हैं और कांवड़ भी बना रहे हैं। पिछले दस साल से कांवड़ बनाते आ रहे अशरफ का कहना है कि मेरठ में जरा सी बात पर सांप्रदायिक तनाव हो जाता है। लेकिन इसका असर कभी भी त्यौहारों और पर्व पर नहीं पड़ता है।
कांवड़ बनाने के दौरान रखते हैं साफ—सफाई का पूरा ध्यान
अशरफ कांवड़ बनाने के माहिर हैं। कांवड़ बनाने के काम में जो युवक लगे रहते हैं। वो साफ—सफाई का भी बड़ा ध्यान रखते हैं। कांवड़ बनाने में जुटे युवकों का कहना है कि पानी पीने के बाद भी वो लोग हाथ धोते हैं उसके बाद काम में जुटते हैं। खाना खाने के बाद कांवड़ को छूने से पहले हाथ और पैर को धोकर ही हाथ लगाते हैं। कांवड़ बनाने के दौरान मस्जिद में भी साफ—सफाई का पूरा ध्यान रखा जाता है।