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होली पर इनका होता है अहम योगदान, लेकिन त्योहार से रहते हैं दूर

होली से पहले ही मेहनत करते हैं त्योहार की खुशी देने के लिए

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meerut

मेरठ। आपसी प्रेम, भाईचारे व साम्प्रदायिक सौहार्द का प्रतीक रंगों के त्यौहार होली पर लोग एक दूसरे को रंग-गुलाल लगाकर बधाई देते हैं आैर रंग से एक दिन पहले महिलाओं द्वारा पूजा अर्चना कर होलिका दहन किया जाता है। आपसी प्रेम व भाईचारे की मिसाल निश्चित ही इस त्योहार में देखने को मिलती है, क्योंकि होली पर जिस होलिका का दहन किया जाता है, उसे मुस्लिम कारीगर तैयार करते हैं। होलिका व होली से जुड़ा अन्य सामान तैयार करने वाले एक मुस्लिम कारीगर युनुस से बात हुर्इ, तो उन्होंने बताया की यह उनका पीढ़ी दर पीढ़ी का काम है तथा होली ही नहीं, बल्कि दशहरे समेत तमाम हिन्दुआें के त्योहार पर किए जाने वाले सभी धार्मिक आायेजनों से पहले उन्हें काफी मेहनत करनी पड़ती है, ताकि त्योहारों में कोर्इ कमी न रहे। होलिका तैयार करने वाले युनूस ने कहा कि पहले के मुकाबले होलिका दहन का लोगों में क्रेज बढ़ा है तथा उन्हें भी काफी खुशी मिलती है, जब वे होलिका को तैयार किया जाता है।

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पुश्तैनी काम है इनका

उन्होंने बताया की लोग पूरे उत्साह से होलिका दहन के लिये होलिका को खरीदने के लिये उनके पास आते हैं तथा इसी कार्य से उनके परिवार का गुजर बसर होता है। जो उनका पुश्तैनी कार्य है। उन्होंने बताया कि लोगों की डिमांड के अनुसार वह होलिका को अब बहुत ही फैंसी ढंग से सजाते हैं, जो देखने में काफी सुंदर लगती है। कई पीढ़ियों से इस काम को करने वाले यूनुस की मानें तो बढ़ती महंगार्इ का असर उनके इस काम में भी देखने को मिला है । जहां पहले इसके दाम कम थे, सके बावजूद कुछ कमाई हो जाती थी। वहीं आज महंगार्इ के चलते कई बार लागत भी नहीं मिल पाती।

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