7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

नरेंद्र मोदी सरकार की नर्इ योजना में लाइसेंसी सप्लायर से खरीद सकेंगे घर के लिए बिजली, जानिए इसके बारे में

राज्य विद्युत नियामक आयोग बिजली के अधिकतम दाम भी तय करेगा  

2 min read
Google source verification
meerut

नरेंद्र मोदी सरकार की नर्इ योजना में लाइसेंसी सप्लायर से खरीद सकेंगे घर के लिए बिजली, जानिए इसके बारे में

मेरठ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार ने बिजली वितरण निजी हाथों में सौंपने की तैयारी कर ली। इसके लिए बिजली मंत्रालय की आेर से ड्राफ्ट भी तैयार कर लिया गया है। इसमें कोर्इ लाइसेंस हासिल करने के बाद लोगों के घरों तक बिजली पहुंचा सकता है। इस पर कोर्इ फैसला होने electricity supply आैर electricity distribution कंपनियां अलग-अलग हो जाएंगी आैर तब बिजली सप्लार्इ के लिए लाइसेंसों की आवश्यकता होगी। इस लाइसेंस के जरिए सप्लायर से लोगों को बिजली मिलेगी। इस तरह एक ही क्षेत्र में बिजली सप्लार्इ करने वाले कर्इ सप्लायर हो सकते हैं। ये सप्लायर आम घरों तक बिजली पहुंचाएंगे, साथ ही उन्हें बिजली विभाग के उपकरण जैसे-तार, खंभे आदि के इस्तेमाल करने के लिए वितरण कंपनियों को चार्ज देना होगा। कोर्इ भी खरीदार कहीं से भी बिजली खरीदकर घरों तक पहुंचा सकेगा। State Electricity Regulatory Commission (राज्य विद्युत नियामक आयोग) बिजली सप्लार्इ के लिए लाइसेंस प्रदान करेगा। उपभोक्ताआें को यह छूट होगी कि वह किस बिजली सप्लायर से बिजली ले। मान लिया बिजली सप्लायर को किसी कंपनी से तीन रुपये प्रति यूनिट से बिजली मिल रही है तो वह सप्लायर वहां से बिजली खरीदकर अपने इलाके में बिजली बेच सकता है। इसके लिए वह नेटवर्क के इस्तेमाल के लिए अलग चार्ज देगा। बिजली सप्लायर के लिए बिजली प्रति यूनिट भी तय होगी। वे मनमाने ढंग से बिजली के दाम नहीं वसूल पाएंगे, इसकी भी व्यवस्था की गर्इ है। राज्य विद्युत नियामक आयोग बिजली के अधिकतम दाम भी तय करेगा।

यह भी पढ़ेंः सीएम योगी की पसंद के इस आईपीएस ने आते ही दिखाए एेसे तेवर कि एसी में बैठे थानेदारों को आ गया पसीना

विभागीय अफसरों आैर कर्मचारियों में आक्रोश

सरकार के इस फैसले से जहां उपभोक्ताआें को राहत मिलने की उम्मीद है तो बिजली विभाग के अफसरों व कर्मचारियों में आक्रोश है। उनका कहना है कि मोदी सरकार अगले लोक सभा चुनाव से पहले बिजली वितरण का निजीकरण करना चाहती है। जिसका पुरजोर विरोध किया जाएगा। आॅल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन ने इस संबंध में दिल्ली में एक अहम बैठक बुलार्इ है। इसमें महत्वपूर्ण फैसला लिया जाएगा।

यह भी पढ़ेंः मिशन 2019 के लिए बड़े आैर छोटे चौधरी की 'सुपर' तैयारी, कैराना में हार के बाद अब फिर भाजपा में मची खलबली

कम दाम मिल सकती है बिजली

बिजली मंत्रालय द्वारा तैयार इस ड्राफ्ट के अनुसार बिजली के लिए नया कानून लागू होने के बाद बिजली सप्लायर अपने उपभोक्ताआें को कोर्इ छूट नहीं दे पाएंगे। अगर कोर्इ राज्य सरकार किसी खास या निम्न वर्ग के उपभोक्ताआें को कम कीमत पर बिजली दिलवाना चाहती है, तो सरकार को उतनी रकम उपभोक्ताआें के खाते में डालनी होगी। सीधे तौर पर सप्लायर उपभोक्ताआें को फायदा नहीं पहुंचा सकेंगे।