
Navami 2018: नवमी के दिन इस मुहूर्त में करेंगे हवन तो मिलेगा विशेष फल
मेरठ. नवरात्र का अवसर महाशक्ति से परिपूर्ण होता है। अतः पूजन पाठ में बरती गई सावधानियां जीवन में परम कल्याणकारी स्थिति प्रदान करती है। लापरवाही व असावधानी घातक भी सिद्ध हो सकती है। अतः नवरात्रों पर खासकर नवमी में पूजन के दौरान विशेष सावधानी रखनी चाहिए। जिससे नवमी पर की जाने वाली दुर्गा देवी की पूजा का पूरा फल आपको प्राप्त हो सके।
इन बातों का रखे ध्यान
कभी भी एक घर में तीन देवी की प्रतिमाओं का नवमी को पूजन नहीं करना चाहिए। वर्ना ऊर्जाओं का विरोधाभास पैदा हो जाता है। देवी के पूजन स्थान पर कोमल स्वर नहीं बजने चाहिए। जैसे कि बांसुरी, शहनाई इत्यादि। बल्कि शक्तिशाली वाद्य यंत्रों का घोष होना चाहिए। जैसे कि शंख, घंटा, ढोल, नाद इत्यादि। नवमी के दिन दुर्गा पूजन में दुर्बा या दूब घास व तुलती का प्रयोग बिल्कुल नहीं करना चाहिए। बल्कि बेल के पत्ते व नारियल का प्रयोग आवश्य करें। देवी दुर्गा को पूजन में सुगन्धहीन एवं विषैले फूल बिल्कुल न चढ़ाए। मां को सुगन्धित एवं लाल कनेर व लाल गुडहल के पुष्प् अत्यन्त प्रिय हैं। देवी का जप गोमुखी अथवा वस्त्र से ढककर ही करना चाहिए। अन्यथा जप के फल का बिखराव हो जाता है। जप के समय चंदन अथवा रूद्राक्ष की माला का प्रयोग करें। नवरात्रों में कन्या पूजन के महत्व को तो जाना ही जाता है, लेकिन नवरात्र पूजन के बाद किया गया यज्ञ नवरात्र के पूजा के फल को प्राप्त करने में बहुत बड़ा सहयोगी होता है।
यह है हवन का शुभ मुहूर्त
पंडित भारत ज्ञान भूषण के अनुसार अष्टमी को अग्नि का वास पृथ्वी पर नहीं है। इसलिए अष्टमी को किसी भी समय किया गया हवन लाभकारी नहीं होगा। गुरुवार यानी नवमी के दिन अग्नि का वास पृथ्वी पर रहेगा। इसलिए इस दिन कन्या पूजन और हवन का शुभ मुहूर्त इस प्रकार है। नवमी में हवन का शुभ मुहूर्त प्रात: 6 बजे से 7:30 तक तथा उसके बाद 10:30 से 12 बजे तक । कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त 10:30 से दोपहर 1:28 बजे तक ।
Published on:
17 Oct 2018 08:56 pm
बड़ी खबरें
View Allमेरठ
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
