
NCR air pollution : प्रदूषण से हालात बेकाबू, कोविड—19 से उबरे लोगों को चिकित्सकों की विशेष चेतावनी
NCR air pollution इस समय मेरठ और आसपास के जिलों का वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 से अधिक है। शाम के समय तो यह और अधिक घातक हो रहा है। वायु प्रदूषण से गाजियाबाद और नोएडा के हालात अधिक खराब हैं।बढ़ते वायु गुणवत्ता सूचकांक के चलते चिकित्सकों ने लोगों को आगाह किया है कि जो लोग लोग पहले कोरोना संक्रमित हो चुके हैं, वो घर से बाहर न निकलें। सुबह 4 से 9 बजे के बीच बाहर निकलने से परहेज करें। संभव हो तो कुछ दिनों के लिए दिल्ली-एनसीआर से दूर जाना बेहतर विकल्प है।
वायु प्रदूषण होने से लोगों को फेफड़ों में दिक्कत,फ्लकचुएटिंग ऑक्सीजन सैचुरेशन, अस्थमा अटैक, अत्यधिक खांसी, सांस लेने में परेशानी, घबराहट,आंखों में जलन और लंग फेलियर सहित कई परेशानियों हो रही हैं। जो लोग पहले कोरोना वायरस की चपेट में आ चुके थे। उन्हें इस प्रदूषण से अधिक खतरा है। जहरीली हवा और प्रदूषण फेफड़ों की इम्युनिटी को और कमजोर करती हैं। ऐसे में अगर कोरोना संक्रमित हो चुके व्यक्ति को कोई इंफेक्शन होता है, तो उसकी हालत गंभीर हो सकती है।
कोविड के उभरने के बाद फेफड़ों में रिजर्व कम हो जाता है। इस कारण लोगों को रेस्पिरेटरी फेलियर हो सकता है। डा0 तुंगवीर सिंह आर्य कहते हैं कि जब वायु प्रदूषण होता है, तो सांस नली में बहुत ज्यादा इरिटेशन होता है। पीएम 2.5 माइक्रो या पीएम 2.10 इसमें जो छोटे कण या गैसें होती हैं वह सांस की नलियों को नुकसान पहुंचाते हैं। इससे खांसी, सांस में तकलीफ या अस्थमा जैसी दिक्कतें होती हैं। जो लोग पहले से फेफड़े संबंधी बीमारी से परेशान हैं या जिनके फेफड़े कमजोर हैं या फिर जो कोविड संक्रमित हो चुके हैं या क्रॉनिक ऑब्सट्रैक्टिव पल्मोनरी डिसीज से पीड़ित हैं। उन्हें इस दौरान बेहद सतर्क रहने की जरूरत है। इन बीमारी से ग्रसित व्यक्तियों को इन दिनों में ज्यादा से ज्यादा समय घर में रहना चाहिए। अगर कोई जरूरी काम नहीं है, तो बाहर निकलना बंद कर देना चाहिए।
Published on:
05 Nov 2022 08:41 am
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