मेरठ। आम चुनाव का समय नजदीक आते ही भाजपा सरकार की मुश्किलें भी तेजी से बढती जा रही है। राज्य सरकार कर्मचारी हो या संविदाकर्मियों का संगठन अपनी मांग मंगवाने के लिए इससे अच्छा मौका नहीं छोड़ना चाहता। एनएचएम में कार्यरत संविदा कर्मचारियों के संगठन ने भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कर्मचारी संगठन ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी गई तो वे चुनाव को बहिष्कार करने के साथ ही भाजपा के विरोध में चुनाव प्रचार में भी उतरेंगे। जिसका भाजपा सरकार को जबरदस्त नुकसान होगा। संविदा कर्मचारियों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि उनका कार्य क्षेत्र गांव-देहात है। वहां सर्वाधिक पकड़ एनएचएम कर्मचारियों की है। इसलिए वे इन क्षेत्रों मेें भाजपा विरोधी अभियान चलाएंगे। जिसके गंभीर परिणाम सरकार को भुगतने हाेंगे। प्रदेश की भाजपा सरकार पर विधानसभा चुनाव से पूर्व एनएचएम संविदा कर्मियों से किए गए वादे को पूरा न किए जाने का आरोप लगाते हुए सैकड़ों संविदा एनएचएम कर्मियों ने सीएमओ कार्यालय पर हंगामा किया और धरना प्रदर्शन किया। कार्यालय परिसर में अनिश्चितकालीन धरना देते हुए कर्मचारियों ने अपनी मांग पूरी न होने पर हड़ताल की चेतावनी दी है। उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा सफाई कर्मचारी संघ के अध्यक्ष डॉक्टर भगत सिंह के नेतृत्व में जिले भर के एनएचएम संविदा कर्मचारियों ने सीएमओ कार्यालय में धरना देते हुए जमकर नारेबाजी की। उन्होंने बताया कि चुनाव से पूर्व भाजपा नेताओं ने प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं में कार्यरत 75 हजार संविदा कर्मचारियों और 2 लाख आशा-बहुओं से कई लुभावने वादे किए थे। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि वादे पूरे करना तो दूर की बात प्रदेश में सत्तासीन होते ही भाजपा सरकार स्वास्थ्य कर्मियों की वर्षों से चली आ रही चार लंबित मांगों को भी भूल बैठी। उन्होंने संविदा कर्मियों को नियमित किए जाने, आशा बहुओं को 10 हजार का वेतन दिए जाने सहित अपनी अन्य मांगे पूरी न होने तक अनिश्चितकालीन धरना जारी रखने की चेतावनी दी।