
एनआईए की छापेमारी के दौरान इस कारण से हत्थे नहीं चढ़ा तबाही की साजिश रचने का सूत्रधार, भेदी की भी तलाश
मेरठ। पाकिस्तान खुफिया एजेंसी आईएसआई की जड़ें पश्चिम उप्र में ही नहीं बल्कि खुफिया तंत्र में भीतर तक गहरे तक है। गांव रार्धना में जब एनआईए की टीम ने छापेमारी की तो पूरी कार्रवाई को गुप्त रखा गया था। अमरोहा के साथ ही मेरठ और अन्य जगहों पर एकसाथ छापेमारी एक ही समय की गई, लेकिन मेरठ में टीम के छापेमारी की सूचना को लीक कर दिया और मुख्य सूत्रधार नईम एनआईए की पकड़ से फिसल गया।
छापेमारी होने के मात्र कुछ समय पूर्व ही स्लीपिंग माॅड्यूल्स नईम रार्धना गांव से फरार हो गया। जबकि उसके परिजनों ने बताया कि वह अपनी रिश्तेदारी में गया है। एनआईए की टीम के हत्थे हालांकि इस दौरान आरोपी नहीं चढ़ा। परिजनों ने जिन रिश्तेदार के यहां बताया वहां भी टीम के कुछ लोग गए, लेकिन वह वहां भी नहीं मिला। इससे साफ जाहिर होता है कि आरोपी को छापेमार कार्रवाई की भनक लग गई थी। जिसका लाभ उठाकर वह भाग गया। एनआईए की टीम की छापेमारी से साफ जाहिर है कि घाटी से निकले आतंकी मेरठ ही नहीं बल्कि वेस्ट यूपी में भी जड़ें जमा चुके हैं। हालांकि पूरे घटनाक्रम के बाद आलाधिकारियों ने इसे देश की सुरक्षा से जुड़ा मामला बताते हुए मौन साध लिया है।
तलाश की जा रही भेदी की
एनआईए की कार्रवाई की सूचना लीक होने की जानकारी नईम तक कैसे पहुंची इसकी जांच की जा रही है। उस क्षेत्र के मौजूद मोबाइल के सभी एक्टिव नंबरों की जांच की जा रही है।
मेरठ पुलिस से लीक हुई सूचना
एनआईए के छापेमारी की सूचना को मेरठ में किसने लीक किया, यह सबसे गंभीर मामला है। सूत्रों की मानें तो यह छापेमारी की सूचना मेरठ पुलिस की ओर से लीक की गई। एनआईए के अधिकारियों ने इसकी जानकारी मेरठ पुलिस को भी दी थी। जिसके बाद मेरठ पुलिस के अधिकारी और पुलिसकर्मी भी एनआईए के साथ रार्धना गांव गए थे।
Updated on:
27 Dec 2018 03:32 pm
Published on:
27 Dec 2018 03:16 pm
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