
मेरठ। मिड-डे मील की गुणवत्ता को लेकर हमेशा से बेसिक शिक्षा विभाग और सरकारी स्कूल के लिए मिड-डे मील परोसने वाली संस्था पर अंगुली उठती रही है। कहीं खाने की पूरी पूर्ति न होने और कहीं खाने में मिलावट की शिकायतें अधिकारियों से की जाती रही है। डीएम अनिल ढींगरा को मिली शिकायत के आधार पर डीएम के निर्देश पर जनपद के स्कूलों में मिलने वाले मध्यान्ह भोजन व शिक्षा को गुणवत्ता को देखने के लिए 42 अधिकारियों द्वारा 236 विद्यालयों का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान 18 मध्यान्ह भोजन की गुणवत्ता सही न मिलने पर मध्यान्ह भोजन वितरण करने वाली पांच संस्थाओं को कारण बताओ नोटिस जारी करने तथा अनुपस्थित दो अध्यापकों का वेतन रोकने के निर्देश दिए।
टीम ने 236 विद्यालयों का निरीक्षण
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सतेन्द्र कुमार ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश पर जनपद के 236 विद्यालयों का जिनमें 162 परिषदीय, 20 सहायता प्राप्त एवं 54 इन्टर कॉलेज सम्मिलित है का औचक निरीक्षण किया गया। उन्होंने बताया कि निरीक्षण में विद्यालयों में भारत सरकार द्वारा संचालित मध्यान्ह भोजन की गुणवत्ता की जांच की गयी। उन्होंने बताया कि निरीक्षण अधिकारियों की आख्या के अनुरूप मध्यान्ह भोजन वितरण करने वाली पांच स्वयंसेवी संस्थाओं (मानव सेवा समिति, सम्भल, दयावती एजुकेशन एण्ड चेरिटेबल सोसायटी दिल्ली, जन कल्याण शिक्षा विकास सेवा समिति हापुड़, सघन क्षेत्र विकास समिति, सम्भल एवं सुप्रभात एजुकेशन एण्ड सोसल वेलफेयर सोसायटी, दिल्ली) द्वारा वितरित मध्यान्ह भोजन मानक के अनुरूप और सन्तोषजनक न पाए जाने के कारण पांचों स्वयंसेवी संस्थाओं को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
18 टीचर्स पर भी होगी कार्रवार्इ
उन्होंने बताया कि निरीक्षण में बेसिक शिक्षा के अधीन संचालित प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत अध्यापक और अध्यापिकाओं व शिक्षा मित्र में से 18 टीचर्स, शिक्षामित्र अनुपस्थित पाए गए तथा दो माध्यमिक शिक्षा के अधीन संचालित विद्यालयों में अनुपस्थित पाए गए दो अध्यापकों के वेतन एवं मानदेय अग्रिम आदेशों तक रोकने के निर्देश दिए गए है।
Published on:
16 May 2018 07:43 pm
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