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नए साल से आनलाइन फूड के शौकीनों को लगेगा झटका ! देनी होगी इतने फीसदी जीएसटी

locationमेरठPublished: Dec 27, 2021 01:53:44 pm

Submitted by:

Kamta Tripathi

GST on online food : आनलाइन फूड मंगाकर खाने के शौकीनों को अब जीएसटी का झटका लग सकता है। हालांकि 1 जनवरी से बढ़ाई गई जीएसटी का असर सीधा आनलाइन फूड सप्लाई करने वाली कंपनियों पर पड़ेगा। लेकिन ये कंपनियां ग्राहकों की जेब पर भी इसका भार डाल सकती हैं। यानी कंपनियां डिलीवरी के दामों में बढ़ोत्तरी कर सकती हैं।

नए साल से आनलाइन फूड के शौकीनों को लगेगा झटका ! कंपनियों को जमा करनी होगी सीधे जीएसटी

नए साल से आनलाइन फूड के शौकीनों को लगेगा झटका ! कंपनियों को जमा करनी होगी सीधे जीएसटी

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
मेरठ . GST on online food : महंगाई की मार अब आनलाइन खाना मंगाने वाली कंपनियों पर भी पड़ने वाली है। एक जनवरी 2022 से आनलाइन खाना डिलीवरी करने वाली कंपनियां स्विगी (Siggi),जोमैटो (Zomato) और फूड एग्रीगेटर (Food Aggregators) 5 फीसदी जीएसटी वसूलेगी। हालांकि ये 5 फीसदी जीएसटी (GST) सीधा सरकार के खाते में जमा होगी। इसका असर आनलाइन फूड डिलीवरी पर भी पड़ सकता है। फूड डिलीवरी करने वाली कंपनियां ग्राहकों से इसकी भरपाई कर सकती हैं। अगर ऐसा हुआ तो इसका असर सीधा ग्राहकों की जेब पर पड़ेगा। इससे बाहर से खाना मंगाना महंगा हो सकता है।
ग्राहकों से पहले से ली जाती है जीएसटी
ऑनलाइन फूड डिलीवरी के समय दिया जाने वाला रुपये में पहले से ही जीएसटी जुड़ी रहती है। फूड डिलीवर करने वाली कंपनियां ग्राहकों से जीएसटी वसूली करती थी। ये जीएसटी जोमैटो-स्विगी जैसी फूड सप्लाई करने वाली कंपनियां पहले संबंधित रेस्टोरेंट को देती थीं लेकिन अब से ये सीधा सरकार को 5 फीसदी जीएसटी जमा करेंगे। अब फूड एग्रीगेटर कंपनियां सीधे जीएसटी जमा कराएंगी जिससे टैक्स की चोरी कम हो सकेगी और सरकार को सही रेवेन्यू मिल सकेगा।
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एक जनवरी से ये होगा नियम
एक जनवरी से बदल रहे फूड डिलीवरी के नए नियम के मुताबिक फूड एग्रीगेटर एप्स की ये जिम्मेदारी होगी वो जिन रेस्टोरेंट के जरिए सर्विस उपलब्ध करा रहे हैं उनसे टैक्स एकत्र करें और उसे सरकार के पास जमा कराएं। पहले रेस्टोरेंट जीएसटी एकत्र तो करते थे पर इसे सरकार के पास जमा कराने में अनियमितता रहती थी।

जीएसटी काउंसिल ने लिया निर्णय
जीएसटी काउंसिल ने हाल ही में ये फैसला लिया है कि फूड एग्रीगेटर एप पर आर्डर हुए खाने पर मिलने वाली जीएसटी रेस्टोरेंट को नहीं देंगी बल्कि वे खुद 5 फीसदी जीएसटी का भुगतान सरकार को करेंगी। जीएसटी अधिकारियों का मानना है कि इससे जीएसटी चोरी रूकेगी।

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