वहीं दूसरी ओर मेरठ सहारनपुर रेलवे मार्ग पर माल गाडिय़ों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। शनिवार को इस सेक्शन पर पहली बार एक साथ दो माल गाडिय़ों को निकाला गया। सहारनपुर से 58 – 58 वैगन की दो मालगाड़ी एक साथ चली तो रेलवे स्टाफ के पसीने छूट गए। पौने दो किलोमीटर लंबी ट्रेन को एक साथ स्टेशन से सुरक्षित गुजारना बड़ी चुनौती माना जाता है। इसे रेलवे की शब्दावली में लांग हाल कहा जाता है।
पहली बार एक साथ चली दोनो मालगाड़ी की चपेट में हापुड में एक व्यक्ति आ गया। जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई। लेकिन युवक ट्रेन में फंस गया। इसके चलते माल गाडी को खरखौदा में ही रोकना पड़ा। हापुड़ में लांग हाल के खड़ी होने से खरखौदा में संगम और नौचंदी को रोक दिया गया। रात 9.05 बजे मालगाड़ी के चलने के बाद संगम और नौचंदी निकाला गया। नौचंदी दो घंटा खरखौदा स्टेशन में खड़ी रही। वहीं संगम पौने तीन घंटा विलंब से हापुड़ पहुंची। संगम के हापुड़ पहुंचने का समय 7.32 है जबकि यह ट्रेन 10.10 पर पहुंची।