
केपी त्रिपाठी, मेरठ। बेचारा आलू इस बार मारा-मारा फिर रहा है। आलू को इस बार न कोल्ड स्टोर में ठिकाना मिल रहा है न किसान रखने को तैयार है और बाजार में आलू के दाम गिरने से हालत वैसे ही खराब है। बाजार में आलू के दाम गिरने से किसानों ने कोल्ड स्टोर में रखा अपना आलू अभी तक नहीं उठाया है और नई फसल की खुदाई का समय आ गया है। अधिकांश कोल्ड स्टोरों में पुराना आलू रखा होने के कारण नई आलू की फसल के लिए शीतगृहों में जगह नहीं है। किसान खेतों से आलू निकालने के लिए सोच ही नहीं रहा है। आलू या तो खेतों में पड़ा है या किसानों के घरों में सड़ रहा है। शीत गृहों में भी आलू की बोरियां बाहर पड़ी हुई है। जिसके चलते किसानों का आलू से मोह भंग होता जा रहा है।
यह भी पढ़ेंः यूपी बोर्डः नकलचियों ने यहां 20 साल का रिकार्ड तोड़ा
वीडियो देखेंः Vigilance of MDA against the Mobile Tower
शीत गृह संचालकों ने बढ़ा दिए रेट
परेशान आलू किसानों का आरोप है कि कोल्ड स्टोर संचालकों ने इस बार अपना किराया बढा दिया है। शीत गृह में एक बोरी आलू रखने का किराया पहले 110 रूपये था जो इस बार बढकर 140 से 150 रूपये बोरी हो गया है। ज्यादा किराया लेने के चक्कर में हैं। जिसके चलते क्षेत्रीय किसान परेशान हो रहे हैं। अभी दिसंबर में हुई खुदाई के आलू को ही पूरी तरह से ठिकाना नहीं मिल पाया है कि दूसरी खुदाई का समय भी नजदीक आ गया।
कहां जाएगा 25 लाख कुंतल आलू
बता दें जनपद में 25 प्राइवेट शीतगृह हैं। जिनमें से एक शीतगृह इस वर्ष बंद हो गया है। अब भी जिले में 14 लाख कुंतल आलू भंडारण करने की क्षमता है, कृषि विभाग का अनुमान है कि इस बार जनपद में 25 लाख कुंतल आलू की पैदावार हुई है। ऐसे में ब बाकी बचा 11 लाख कुंतल आलू कहां जाएगा। जाहिर सी बात है जनपद के किसानों का आलू घरों में पड़ा सड़ता रहेगा। जाहिदपुर के किसान ओमप्रकाश का कहना है कि उनके यहां करीब 200 कुंतल आलू हुआ है, जिसमें से करीब 50 कुंतल ही बिक पाया है। बाकी आलू घर में ही पडा है। जिसमें से 20 फीसदी तो खराब हो गया है। शीतगृह संचालकों ने किराया बढा दिया है। बाजार में आलू के एक बोरी की कीमत 300 से 400 रूपये हैं। इससे तो लागत भी नहीं निकल पा रही । शीतगृहों में पुराना आलू भरा होने के चलते उन्हें जगह नहीं मिल रही है। मेरठ ब्लॉक के गगोल गांव के किसान संदीप का कहना है कि अभी दिसंबर की खोद का आलू ही घर में भरा है, मार्च में फिर से आलू खुदने लगेगा। कोल्ड स्टोर में जगह नहीं है, ऐसे में आलू को कहा ले जाया जाए।
दाम ने बिगड़ा गणित
नए आलू के दाम 400 रुपए कुंतल मंडी में है, इसके अभी बढने की कोई संभावना नजर नहीं आ रही। किसान पुराना आलू शीत गृह से निकालने के मूड में नहीं है। बाजार में इस समय नए आलू की अधिक डिमांड है। लोग पुराना आलू इस समय खरीदते नहीं। शीतगृह का गणित बिगड़ने से आलू का भी गणित बिगड गया है। वहीं किसानों का आरोप है कि इस बार शीत गृह संचालकों ने गैर जनपदों के आलू का भंडारण भी कर लिया है।
रकबा बढ़ने से बेचने में आ रही परेशानी
पहले किसान बीज के आलू का ही भंडारण किया करते थे, लेकिन इस बार आलू का रकबा बढ़ने से किसानों को उन्हें बेचने में दिक्कत आ रही है। जिसके चलते किसान कोल्ड स्टोर की शरण में जा रहे हैं। आरोप है कि शीतगृह संचालकों ने ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में अन्य जनपदों का आलू भंडारण कर लिया है।
इस बार ये हुई पैदावार
जिला उद्यान अधिकारी अरुण कुमार बताते हैं कि जनपद में इस वर्ष 6800 हेक्टेयर आलू की फसल हुई। यानि पिछले साल के मुकाबले 300 हेक्टेयर रकबा बढ़ा है, उत्पादन भी लगभग 20 फीसदी बढ़ गया। सरकारी आंकड़ों पर गौर करें तो एक हेक्टेयर में 230 कुंतल आलू की पैदावार होती है। जिसके हिसाब से जनपद में 25 लाख कुंतल आलू की पैदावार हुई।
वीडियो देखेंः Police Industrialist Meet in Noida
वीडियो देखेंः Intriguing vehicle thief arrested in Ghaziabad
Updated on:
17 Feb 2018 01:16 pm
Published on:
17 Feb 2018 01:15 pm
बड़ी खबरें
View Allमेरठ
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
