यह भी पढ़ेंः मेरठ में एडीजी ने पुलिस अफसरों के साथ संवेदनशील इलाकों में किया फ्लैग मार्च, कही ये बात, देखें वीडियो बता दें कि बुधवार को शहर के लालकुर्ती व अन्य क्षेत्रों में एक धार्मिक ग्रंथ के पन्नों के बीच बाल मिलने की बात अफवाह के रूप में फैली। हालांकि प्रतिदिन धार्मिक ग्रंथ को पढ़ने वालों ने इस अफवाह को नकारा। उन्होंने कहा कि इससे पहले कभी धार्मिक ग्रंथ में बाल नहीं मिले। वहीं धार्मिक ग्रंथ में बाल मिलने के बाद महिलाओं ने कहा कि ये हजरत के बाल हैं, जो कि आने वाले समय के लिए शुभ संकेत नहीं हैं। धार्मिक ग्रंथ में बाल मिलना अशुभ माना जाता है। यह प्रलय का संकेत है।
यह भी पढ़ेंः VIDEO: मेरठ में गेट के विवाद में दो संप्रदाय के लोग आए आमने-सामने, जमकर हुआ हंगामा प्रतिदिन धार्मिक ग्र्रंथ पढ़ने वाली महिलाओं के अनुसार जब उन्होंने ग्रंथ को खोला तो उसमें कुछ छोटे और कुछ बड़े बाल थे। जिसे उन्होंने कोई अहमियत नहीं दी, लेकिन प्रतिदिन धार्मिक ग्रंथ पढ़ने वाले मोहल्ले के कई लोगों के ग्रंथ में इस तरह के बाल निकले तो लोगों ने एक-दूसरे से बात की और बालों का मिलान किया। इन बालों में एक बाल छोटा और दूसरा बड़ा था। धार्मिक ग्रंथ पढ़ने वाले लोगों का मानना है कि जो बाल निकले हैं, वे सही नहीं हैं।