
Exclusive: आजाद भारत में अंग्रेजों का नमक कानून और दबंगई को लेकर क्षेत्र की जनता ने किया ये काम, देखें वीडियो
मेरठ। अंग्रेजों के नमक कानून का अंत हुए भले ही दशकों बीत गए हों, लेकिन सदर क्षेत्र में एक सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान का संचालक क्षेत्र की जनता पर अपने द्वारा बनाया गया नमक कानून थोपने पर तुला है। राशन विक्रेता की दबंगई के खिलाफ क्षेत्र की जनता ने दुकान के बाहर जमकर हंगामा किया। हंगामा कर रहे लोग राशन की दुकान के सामने बैठ गए।
दरअसल दुर्गा बाड़ी मंदिर के सामने अखिलेश कुमार की सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान है। क्षेत्र के लोगों का आरोप है की दुकान का संचालक उन्हें हर महीने अपनी दुकान से नमक खरीदने पर मजबूर करता है। नमक न खरीदने वाले लोगों को राशन नहीं दिया जाता। लोग अगर इसकी शिकायत करने की बात कहते हैं तो वह मारपीट पर उतर आता है। लोगों का आरोप है कि दुकानदार द्वारा बेचे जा रहे नमक की क्वालिटी इतनी खराब है कि लोग उसे खरीदते तो जरूर हैं, लेकिन घर ले जाकर नाले में फेंक देते हैं। क्षेत्र के लोगों ने आरोप लगाया की दुकान का संचालक राशन लेने आए लोगों के अंगूठे के निशान लगवाकर बिना राशन दिए उन्हें टरका देता है। लोग जब इसका विरोध करते हैं तो कहता है कि अभी मशीन नहीं चल रही है। जब मशीन चलेगी तो घर से बुलवाकर राशन वितरित कर दिया जाएगा।
क्षेत्र के लोग कई-कई दिन तक दुकान के चक्कर काटते हैं मगर उन्हें राशन नहीं मिलता। आज सुबह दुकान पर राशन लेने आए दर्जनों पुरुषों और महिलाओं ने राशन विक्रेता को घेरते हुए जमकर खरी-खोटी सुनाई। काफी देर चले हंगामे के बाद राशन विक्रेता ने लोगों को जल्द ही राशन बांटने का वादा किया। लोगों का आरोप है कि इस राशन विक्रेता की अलग-अलग क्षेत्रों में करीब आठ राशन एजेंसिंया हैं। जहां पर यह हर माह करीब पांच कुंतल नमक जबरन बेच देता है।
Published on:
20 Jan 2019 11:49 pm
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