
पकड़ी गर्इ वेस्ट यूपी की सबसे बड़ी तमंचा फैक्ट्री के असलहा से 2019 लोक सभा चुनाव में थी बड़ी साजिश
मेरठ। 2019 के चुनाव में बढ़ती अवैध हथियारों की डिमांड को पूरा करने के लिए पश्चिम उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में चलाई जा रही अवैध हथियारों की फैक्ट्री। मेरठ पुलिस ने इस अवैध हथियार फैक्ट्री का भंड़ाफोड़ बुधवार को किया था। पुलिस ने यहां से बने हुए करीब 450 तमंचों की बदामदगी दिखाई है। जबकि बताया जा रहा है कि पकड़े गए तमंचों की खेप इससे कहीं अधिक है। पुलिस ने तमंचा बनाने वाली इस फैक्ट्री से छह लोगों को पकड़ा है। जबकि पुलिस इस फैक्ट्री के मुख्य सूत्रधार को अभी तक नहीं पकड़ पाई है। पुलिस ने यह भी नहीं बताया कि तमंचे की यह फैक्ट्री किसके संरक्षण में चल रही थी। पकड़े गए लोगों से पुलिस को बस यही जानकारी मिली है कि तमंचे आन डिमांड बनाए जा रहे थे। जो 2019 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बाहर सप्लाई किए जा रहे थे। तमंचों की सप्लाई मेरठ के अलावा दूसरे अन्य राज्यों में भी हो रही थी।
बिहार वाया मेरठ से मुजफ्फरनगर
सूत्रों के अनुसार सरधना के भमौरी गांव में बन रहे तमंचे बिहार सप्लाई किए जाते थे। ये तमंचे मेरठ से मुजफ्फरनगर सप्लाई किए जाते थे और वहां से विभिन्न जगहों पर भेजे जाते थे। 2019 के लोकसभा चुनाव में इस्तेमाल करने के लिए बनाया जा रहे थे।
ये लोग आए पुलिस के हाथ
पुलिस दबिश में पकड़े गए लोगाें में फरमान, दिनेश ठाकुर, इनाम, अमित गिरि, अहसान और नसीम हैं। इनमें से अमित और दिनेश मेरठ के भमौरी गांव के रहने वाले हैं जबकि बाकी अभियुक्त मुजफ्फरनगर के क्षेत्र के निवासी है।
ये भी हुए बरामद
पुलिस को मौके से भारी मात्रा में बने तथा अधबने तमंचे विभिन्न बोर के एवं तमंचा बनाने से संबंधित कल पुर्जे , गैस सिलेंडर, ड्रिल मशीन, हथौड़ी, नाल, टेगर मशीन, लकड़ी के पट्टे, छैनी तथा पेचकस आदि वस्तुएं मौके से बरामद की गई हैं।
किसके इशारे पर तैयार हो रहा था मौत का समान
सबसे बड़ा सवाल यह है कि इस तमंचा फैक्ट्री में किसके इशारे पर मौत का सामान तैयार हो रहा था। आखिर इस फैक्ट्री का आका कौन था। पुलिस ने कारीगर तो पकड़ लिए, लेकिन मुख्य सूत्रधार अभी पुलिस की गिरफ्त से कोसो दूर है। पुलिस भी इस बात को घुमा गई।
मुजफ्फरनगर में बड़ी साजिश तो नहीं
मुजफ्फरनगर दंगे का दाग अभी धुला नहीं है। उसके जख्म लोगों के दिल में अभी भी हरे हैं। 2019 के चुनाव के मद्देनजर फिर से कहीं मुजफ्फरनगर को दंगे की आग में झाेंकने की तैयारी तो नहीं थी तमंचा फैक्ट्री के माध्यम से। हालांकि इसके लिए गुपचुप तरीके से जांच बैठा दी गई है, लेकिन जिस तरीके से भमौरी गांव में बन रहे तमंचे देश के विभिन्न कोनों में सप्लाई हो रहे थे। उससे तो यही लगता है कि 2019 के चुनाव के भारी खून-खराबे की साजिश रची जा रही थी।
बोले अधिकारी
इस बारे में एसएसपी राजेश कुमार पांडे का कहना है कि यह तमंचा फैक्ट्री अब तक की सबसे बड़ी तमंचा फैक्ट्री है। पकड़े गए लोगों से पूछताछ की जा रही है। इसके अलावा यह भी पता किया जा रहा है कि इसका मुख्य सूत्रधार कौन था। अभी तक उसका नाम सामने नहीं आया है।
Published on:
02 Aug 2018 09:39 pm
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