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VIDEO: लकी ड्रा निकलने की बात कहकर पुलिस ने बुलाया थाने, थर्ड डिग्री देने का आरोप, युवक की मौत

Highlights परिजनों ने कमिश्नरी पर किया हंगामा और धरने पर बैठे दोषी पुलिसकर्मियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग मेडिकल कालेज में मरणासन्न अवस्था में छोड़ गई थी पुलिस  

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मेरठ। हापुड़ के एक युवक को पिलखुवा थाना पुलिस ने ऐसी थर्ड डिग्री दी कि उसमी मौत हो गई। पुलिस ने युवक को मरणासन्न अवस्था में पहले पिलखुवा के ही एक अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन वहां हालत खराब होने पर उसको मेरठ के मेडिकल कालेज अस्पताल में मरणासन्न अवस्था में छोड़ गए।

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परिजन यह पता लगाने की कोशिश करते रहे कि आखिर पुलिस उसे उठाकर क्यों लाई है, लेकिन कोई भी अधिकारी इस बारे में बातचीत के लिए तैयार नहीं हुआ। निर्दोष युवक को परिजनों से भी नहीं मिलने दिया गया। मेरठ मेडिकल कालेज पहुंचे परिजनों को जब पता चला कि युवक की मौत हो चुकी है तो वे कमिश्नरी कार्यालय पर पहुंच गए और वहां पर धरना देकर बैठ गए। धरनारत ग्रामीणों को पुलिस अधिकारियों ने समझाने की कोशिश की, लेकिन ग्रामीण ने उनकी एक नहीं सुनी।

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हापुड़ के गांव लाखन के पूर्व प्रधान अजीत तोमर ने बताया कि गांव के युवक प्रदीप के पास रविवार की दोपहर 1 बजे पिलखुवा थाने से फोन आया कि उसकी लाटरी निकली है। थाने आ जाए। प्रदीप हापुड़ से पिलखुवा थाने के लिए चला गया। वहां पर प्रदीप को थाने के भीतर ही लाकअप में बंदकर थर्ड डिग्री दी गई। गांव और परिवार के लोग जब थाने पहुंचे और प्रदीप के बारे में जानकारी की गई तो कोई भी अधिकारी या पुलिसकर्मी बोलने केा तैयार नहीं हुआ। वहां पर बताया कि गया प्रदीप को पिलखुवा में भर्ती किया गया है।

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जब पिलखुवा स्थित नर्सिग होम पहुंचे तो वहां पुलिसकमियों ने मिलने नहीं दिया। वहां से सभी को भगा दिया गया। इसके बाद रात करीब दो बजे प्रदीप के परिजनों के पास फोन आया कि उसको मेरठ के मेडिकल कालेज भर्ती कराया गया है। यहां पर जब परिजन पहुंचे तो बताया गया कि उसकी मौत हो चुकी है। शव भी नहीं देखने दिया गया। इससे आक्रोशित गांव के लोग मेरठ कमिश्नरी पहुंचे और कमिश्नर कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गए। धरने पर बैैठे लोगों की मांग है कि निर्दोष प्रदीप की हत्या में शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया जाए और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए और उसके परिजनों को मुआवजा दिया जाए।