
भाजपा पार्षद को जेल भेजने के बाद पुलिस आयी बैकफुट पर, अब दरोगा आैर उसकी महिला मित्र पर भी मुकदमा दर्ज
मेरठ। आखिरकार मंत्री की फटकार के आगे खाकी को नतमस्तक होना ही पड़ा। ब्लैकपेपर रेस्टोरेंट में हुए दारोगा-पार्षद कांड में मेरठ पुलिस को अपने ही महकमे के दारोगा सुखपाल सिंह और उसकी मित्र महिला अधिवक्ता के खिलाफ जानलेवा हमला, मारपीट व जान से मारने की धमकी देने का मुकदमा दर्ज कर लिया गया। मामले में बीती रविवार मेरठ आए प्रभारी मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने भाजपाइयों को निष्पक्ष कार्रवाई का आश्वासन दिया था। मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह के कहने पर सोमवार को पुलिस ने पार्षद की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया। बताते चलें कि भाजपा पार्षद इन दिनों जेल में बंद है। उसने जेल जाने से पहले ही तहरीर दी थी।
भाजपाइयों ने तब किया था हंगामा
इस मामले में भाजपाइयों ने हंगामा भी किया था, लेकिन एसएसपी अखिलेश कुमार ने भाजपाइयों की एक नहीं सुनी और कार्रवाई करते हुए भाजपा पार्षद को जेल भेज दिया था। मामले की गूंज लखनऊ तक सुनाई दी थी। जिस पर उपमुख्यमंत्री से लेकर भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष तक ने मामले को संज्ञान लिया था, लेकिन प्रभारी मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह के दौरे को देखते हुए मामले को टाल दिया गया था। अपने दौरे के दौरान प्रभारी मंत्री ने एसएसपी अखिलेश कुमार से बात की थी। भाजपा पार्षद मुनीश चैधरी के हाईवे स्थित ब्लैक पेपर रेस्टोरेंट के प्रबंधक संदीप धामा ने कंकरखेड़ा थाने में तहरीर देते हुए बताया था 19 अक्टूबर की रात दारोगा सुखपाल और महिला अधिवक्ता उनके यहां खाना खाने आए थे। खाना खाने के दौरान दारोगा ने कमरे की व्यवस्था करने के लिए कहा। आरोप है कि कमरा नहीं होने की बात कही तो दोनों भड़क गए और प्रबंधक के साथ गाली-गलौच करने लगे। महिला ने तोड़फोड़ करनी शुरू कर दी।
पार्षद के दरोगा पर ये आरोप
आरोप है कि पार्षद मुनीश पहुंचा तो दारोगा ने उन्हें भी गाली-गलौच की। सरकारी पिस्टल निकालकर जान से मारने की धमकी दी। आरोप है कि महिला अधिवक्ता ने नशे की हालत में सरकारी पिस्टल को दारोगा से लेकर पार्षद की ओर कर टिगर दबा दिया, लेकिन गोली नहीं चली। एसपी सिटी रणविजय सिंह ने बताया कि दारोगा व महिला के खिलाफ धारा 307 (जानलेवा हमला करना), 323 (मारपीट करना), 504 (रेस्टोरेंट में घुसकर मारपीट करना), 506 (जान से मारने की धमकी देना) में मुकदमा दर्ज कर लिया है। बताते चलें कि दारोगा लाइन हाजिर कर दिया गया था और महिला अधिवक्ता की मेरठ बार एसोसिएशन ने सदस्यता समाप्त कर दी थी।
Published on:
30 Oct 2018 11:41 am
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