
मेरठ। बाल विवाह करना या कराना कानूनी अपराध की श्रेणी मे आता है। देश व प्रदेश में बाल विवाह विरोधी अधिनियम 1929 यथा संशोधित 2006 प्रभावी ढंग से अस्तित्व में है। 18 वर्ष से कम आयु की लड़की व 21 वर्ष से कम आयु के लड़के का विवाह करना कानूनी अपराध है। इसके लिए अधिनियम में कठोर कार्रवाई व आर्थिक दण्ड का प्रावधान है। ये बातें उपमुख्य परिवीक्षा अधिकारी श्रवण कुमार गुप्ता ने बताई। उन्होंने बताया कि शासन स्तर से बाल विवाहों को प्रत्येक दशा में रोकने, बाल विवाह प्रकाश में आने पर हेल्पलाइन नम्बर पर सूचित करने व जनमानस को जागरूक करने के लिए गोष्ठियां व जागरूकता रैली आयोजित करने के निर्देशों के अनुक्रम में उपमुख्य परीविक्षा अधिकारी ने जनपद के अधिकारियों को पत्र भेजा गया है। उपमुख्य परिवीक्षा अधिकारी ने जनपदीय अधिकारियों को पत्र प्रेषित कर समाज में जनजागरूकता फैलाने के उद्देश्य से गोष्ठियां आयोजित करने व जागरूकता रैली निकालने के लिए कहा है।
इन हेल्पलाइन पर होगी मदद
उन्होंने कहा कि बाल विवाह का कोई भी मामला प्रकाश आता है तो आमजन आशा ज्योति महिला हेल्पलाइन 181, चाइल्ड हेल्पलाइन 1098, पुलिस हेल्पलाइन 100, वुमेन हेल्पलाइन 1090 पर या नजदीकी थाने को तत्काल सूचित कर बाल विवाह जैसे अपराध को प्रत्येक दशा में रोकें।
गुप्त रखा जाएगा नाम
उनके अनुसार हेल्पलाइन पर सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखा जाएगा। बताते चलें कि अक्षय तृतीया के मौके पर मेरठ मंडल में बाल विवाह की शिकायतें मिलती रही है। मेरठ मंडल के गौतमबुद्धनगर और बुलंदशहर जैसे जिलों में बाल विवाह की सर्वाधिक शिकायतें मिलती रहती है। इनको रोकने के उद्देश्य से ही उपरोक्त हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं। हालांकि भाजपा सरकार का उद्देश्य पूरी तरह से बाल विवाह पर रोक लगाना है। इसमें सरकार अपनी कोशिश में कामयाब भी हुई है।
Published on:
18 Apr 2018 08:58 pm
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